प्रतिनिधि, रातू. झारखंड शैक्षिक अनुसंधान परिषद के तत्वावधान में शुक्रवार को रातू स्थित जेसीइआरटी सभागार में ”विद्यालय नेतृत्व विविध भूमिका एवं जिम्मेवारी” विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ हुआ. सेमिनार के मुख्य संरक्षक सह मुख्य अतिथि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह ने राष्ट्र और छात्रों के भविष्य को आकार देने में शिक्षक सशक्त भूमिका निभायें. कहा कि शिक्षा में नेतृत्व केवल प्रबंधन की नहीं है. यह परिवर्तन को प्रेरित करने, प्रतिभा को पोषित करने और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित करने का दिशा-निर्देश है. शैक्षणिक माहौल को सुधारने का मूलमंत्र शिक्षकों का सतत पेशेवर विकास है. अभी तक झारखंड में शिक्षकों के प्रशिक्षण के समुचित प्रयास नहीं हो सके हैं. अगले सत्र से सभी शिक्षकों के हाइब्रिड मोड में प्रशिक्षण को लेिर विस्तृत योजना बनायी जा चुकी है. अतिथियों ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उदघाटन किया. विद्यालय नेतृत्व विविध भूमिका व जिंवरी विषय पर स्मारिका का विमोचन किया. उप निदेशक प्रदीप कुमार चौबे ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सेमिनार के उद्देश्यों को आत्मसात करने की अपील की. प्रति कुलपति शशिकला बंजारा ने कहा कि सर्वप्रथम हमें बच्चों में भारतीय होने का बोध कराना है. विद्यालय नेतृत्व का समग्र उद्देश्य बच्चों का सर्वांगीण विकास करना है. उप निदेशक विंध्याचल पांडेय एवं जिला शिक्षा अधीक्षक बादल राज ने भी सेमिनार में अपने विचार व्यक्त किये.
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