धनबाद रेलवे स्टेशन पर गुरुवार को एक बच्चे के रेस्क्यू के बाद भारी हंगामा मच गया. रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने बुधवार को एक बच्चे को स्टेशन परिसर से रेस्क्यू कर चाइल्ड लाइन के हवाले किया था. लेकिन गुरुवार को बच्चे का पिता और उसके साथ आये कुछ लोगों ने जबरन उसे छुड़ाकर ले जाने की कोशिश की. इससे माहौल तनावपूर्ण हो गया. सूचना मिलते ही बाल संरक्षण आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी ने आरपीएफ इंस्पेक्टर पंकज कुमार से बात की. स्थानीय पुलिस को भी सूचित किया गया. देखते ही देखते स्टेशन पर भारी भीड़ जमा हो गयी. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आरपीएफ ने बच्चे की सुरक्षा में लेकर सीडब्लूसी के समक्ष प्रस्तुत किया. पूछताछ के दौरान बच्चे ने बताया कि स्टेशन पर नशे के शिकार बच्चों का एक गिरोह सक्रिय है, जो डेंड्राइट जैसी घातक नशीली वस्तुओं का सेवन करता है. उसने यह भी बताया कि कुछ बच्चों के पास उस्तरे जैसे धारदार हथियार होते हैं और वे ट्रेन पर पथराव जैसी घटनाओं में भी शामिल रहते हैं . इसके बाद चाइल्ड हेल्प लाइन के विकास कुमार ने बच्चे का घर का सत्यापन किया. सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने पर बच्चे को उसके परिवार के सुपुर्द कर दिया गया.
गुमला की रेस्क्यू की गयी बच्ची के मामले में एसएसपी ने सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष से की बात
गुमला की रेस्क्यू की गयी बच्ची के मामले में शुक्रवार को धनबाद के एसएसपी ने सीडब्लूसी के अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी से इस मामले पर बातचीत की. सीडब्लूसी अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी ने बच्ची से संवाद कर उसकी स्थिति और समस्याओं को समझा और इस पर आधारित एक विस्तृत रिपोर्ट प्रधान जिला न्यायाधीश, एसएसपी और डीएलएसए सचिव को सौंप दी है. धनबाद थाना प्रभारी ने भी सीडब्लूसी अध्यक्ष से बातचीत की और मामले में जल्द जांच करने का भरोसा दिया. इधर, बच्ची के चाचा सोमा उरांव ने भी शुक्रवार को धनबाद थाना और सीडब्लूसी कार्यालय पहुंचकर अपनी बात रखी. उन्होंने परिवार की स्थिति और बच्ची से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं. फिलहाल बच्ची की नियमित काउंसेलिंग की जा रही है ताकि वह मानसिक रूप से मजबूत हो सके और उसे सुरक्षित माहौल मिल सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है