मंदिर प्रबंधन ने अपनायी सख्ती, दुल्हा-दुल्हन के उम्र सत्यापन के बाद पूरी होगी रस्म
शुभंकर, सुलतानगंज
बाबा अजगैवीनाथ मंदिर प्रबंधन ने नियमों को अब सख्ती से लागू कर दिया है. दहेज लेकर मंदिर में शादी करने के लिए पहुंचने वालों को अब उल्टे पांव यहां से लौटना होगा. प्रबंधन ने दहेज लेकर मंदिर में शादी करने पर रोक लगा दी है. साथ ही साथ बाबा अजगैवीनाथ मंदिर में शादी करने के लिए अब आधार कार्ड देना अनिवार्य कर दिया गया है. यहां शादी करने दूर-दूर से दूल्हा-दुल्हन पहुंचते हैं. मान्यता है कि यहां की गयी शादी सात जन्मों तक साथ निभाने की होती है. 16 जनवरी से लग्न शुरू हो गया. शादी को लेकर मंदिर प्रबंधन ने पूरी तैयारी की है.
विवाह के लिए देना होगा उम्र का प्रमाण पत्र
मंदिर में अब शादी के लिए उम्र प्रमाण पत्र देना होगा. मंदिर के स्थानापति महंत प्रेमानंद गिरि ने बताया के मंदिर में शादी करने पर प्रबंधन की ओर से शादी की रसीद दी जाती है. इसके साथ ही बाल विवाह पर पूरी तरह मंदिर प्रबंधन ने रोक लगाने का निर्णय लिया है. इसी के तहत उम्र का प्रमाणपत्र देना अनिवार्य किया गया है. दहेज मुक्त शादी करने वालों को प्रोत्साहित किया जा रहा है.
दहेज मुक्त शादी करने वालों को मंदिर की ओर से सुविधाएं
बाबा अजगैवीनाथ मंदिर में दहेज मुक्त शादी करने वाले जोड़ों को मंदिर प्रबंधन की ओर से कई सुविधाएं दी जाती है. स्थानापति ने बताया कि दहेज मुक्त शादी करने वाले वर-वधू को मंदिर प्रबंधन की ओर से सम्मानित किया जायेगा. इसके साथ ही उनके साथ आये बरातियों के लिए बैंच-टेबल, दरी आदि की व्यवस्था मंदिर प्रबंधन की ओर से कर दी जाती है. उल्लेखनीय है कि मंदिर में हर लग्न में काफी शादियां होती हैं. शादी करने वाले परिजन दूर-दूर से पहुंचते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है