Delhi Election 2025: दिल्ली चुनाव में भाजपा और कांग्रेस शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल और अन्य आम आदमी पार्टी के नेताओं के शामिल होने के मुद्दे को मुद्दा बना रहे हैं. इस मामले में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को जेल भी जाना पड़ा. वहीं लीक कैग रिपोर्ट से भी भाजपा और कांग्रेस को केजरीवाल पर हमला करने का नया मौका मिल गया. आम आदमी पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के जेल जाने, उसके बाद के घटनाक्रम और साजिश को लेकर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘अनब्रेकेबल’ की स्क्रीनिंग शनिवार को करने का फैसला लिया था.
लेकिन अंतिम समय में स्क्रीनिंग को रोक दिया गया. आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने स्क्रीनिंग पर रोक लगाने का काम किया है. इस स्क्रीनिंग में अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री आतिशी को भी शामिल होना था. स्क्रीनिंग रोके जाने पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री में आप नेताओं को जेल भेजने की साजिश का खुलासा किया गया है. इस खुलासे के डर से भाजपा ने पुलिस के जरिए स्क्रीनिंग को रोकने का काम किया. भाजपा सच सामने आने से डर रही है. क्योंकि भाजपा ने गैर कानूनी तरीके से आप के नेताओं को जेल भेजने का काम किया था और डॉक्यूमेंट्री इस सच को सामने लाने का काम करती.
खुद को पीड़ित के तौर पर पेश करने की कवायद
विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल पर विपक्षी दल भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगा रहे है. आबकारी नीति में जेल जाने के कारण अरविंद केजरीवाल की छवि को नुकसान पहुंचा है. ऐसे में चुनाव के दौरान इस छवि को बेहतर बनाने के लिए आम आदमी पार्टी डॉक्यूमेंट्री के जरिये केजरीवाल को पीड़ित के तौर पर पेश कर सियासी लाभ लेने की कोशिश कर रही है. चुनाव के समय इसे दिखाकर आप अपने समर्थकों को भी यह बताना चाहती है कि साजिश के तहत आप नेताओं को जेल भेजने का काम किया गया ताकि जनता के हित में दिल्ली सरकार के फैसलों पर रोक लगायी जा सके. डॉक्यूमेंट्री के जरिए केजरीवाल आम लोगों की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं.
जानकारों का कहना है कि इस बार सभी दलों की ओर से कई तरह के लोकलुभावन वादे किए गए है और अब पहले की तरह केजरीवाल को लेकर आम लोगों में आकर्षण नहीं है. आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ लोगों में नाराजगी देखी जा रही है. साफ-सफाई, प्रदूषण, सड़कों की जर्जर हालत, पानी की समस्या के कारण दिल्ली सरकार के कामकाज से लोग खुश नहीं है. लोगों की नाराजगी कम करने के लिए केजरीवाल ने कई लोकलुभावन वादे किए. लेकिन विपक्षी दलों की ओर से भी ऐसे ही वादे किए जाने के बाद इन वादों को लेकर अब चर्चा नहीं हो रही है.
ऐसे में आम आदमी पार्टी चुनाव के दौरान सहानुभूति कार्ड खेलने की कोशिश में है. पार्टी को अगर डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन करना था तो इसके लिए पहले से इजाजत क्यों नहीं ली गयी. जानबूझकर इस मामले में सियासी लाभ लेने के लिए आम आदमी पार्टी ने यह दांव चला ताकि डॉक्यूमेंट्री पर चर्चा हो सके.
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