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Jamui news : फसलों को पाला से बचाने के लिए बीएओ ने किसानों को दी जानकारी

कृषि विभाग ने पौधे के संरक्षण व मार्गदर्शन के लिए जारी किया टोल फ्री नंबर

गिद्धौर. जिले में पछुआ हवा के असर से लगातार दो दिनों से कोल्ड डे की स्थिति बनी हुई है. पछुआ ने लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया. बीते दिन गुरुवार की सुबह से ही लोगों को धुंध व कुहासा का सामना करना पड़ रहा है. अहले सुबह नौ बजे के बाद जब कोहरा छंटा तो आसमान से निकले धूप से लोगों को हल्की राहत मिली. इधर, भीषण ठंड के कारण क्षेत्र के किसानों को अपने खेतों में अत्यधिक ठंड की वजह से दलहन व आलू की फसलों में पाला मारने की चिंता सताने लगी है. वहीं शीतलहर व पाला से होनेवाली क्षति से बचाव हेतु कृषि विभाग द्वारा किसानों को कई आवश्यक निर्देश जारी किया गया है. बीएओ रामाधार चौधरी ने बताया कि शीतलहर के कारण वायुमंडल में उपस्थित जलवाष्प जब पेड़ पौधों की पत्तियों एवं ठोस पदार्थ के संपर्क में आता है तो वहां का तापमान चार डिग्री सेल्सियस या इससे भी काम हो जाता है, ऐसी स्थिति में ओस की बूंदें बर्फ की चादर के रूप में जम जाती है. इस अवस्था को हम पाला कहते हैं. क्षेत्र के किसान भाई ऐसी शीतलहर की अवस्था में पाला लगने से होने वाले फसलों में क्षति से बचाव हेतु कई उपाय अपना सकते हैं. उन्होंने कहा कि पाला पड़ने की संभावना वाले दिनों में मिट्टी की गुड़ाई या जुताई नहीं करनी चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से मिट्टी का तापमान कम हो जाता है. पाला पड़ने की आशंका होने पर फसल में हल्की सिंचाई कर देने से तापमान चार डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं गिरेगा और फसलों को पाले से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है. फसलों में पाला की आशंका होने पर घुलनशील गंधक 80 प्रतिशत डब्लूपी का तीन ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव कर फसलों को बचाया जा सकता है. चूंकि सल्फर गंधक से पौधों में गर्मी बनती है. संध्या होने के उपरांत खेतों के चारों कोने पर घास फूस जलाकर धुआं करना चाहिए, जिससे पाला सीधे तौर पर फसल पर नहीं गिर पाता है है ऐसा कर किसान अपने खेतों में लगे फसल का रक्षण कर सकते हैं. उन्होंने आगे बताया कि झुलसा रोग की तीव्रता काफी अधिक बढ़ जाने की स्थिति में निन्नांकित में से किसी एक फफूंद नाशी का छिड़काव सात दिनों के अंतराल पर करना चाहिए. मैंकोजेब 75 प्रतिशत अथवा कार्वेन्डाजिम प्लस 12 प्रतिशत में मैंकोजेब 63 प्रतिशत एवं जिनेब 75 प्रतिशत अथवा मेटालैक्सील एम चार प्रतिशत मैंकोजेब 64 प्रतिशत 02 से 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर फसलों पर छिड़काव करना चाहिए. अधिक जानकारी के लिए किसान कॉल सेंटर के टोल फ्री नंबर 18001801551 पर क्षेत्र के किसान जिला कृषि के सहायक निदेशक पौधा संरक्षण विभाग से उचित मार्गदर्शन के लिए संपर्क कर सकते हैं.

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