रांची. राजधानी में इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आइएसबीटी) निर्माण के लिए जुडको को निवेशक नहीं मिल रहा है. कांके के दुबलिया में 38 एकड़ भूमि पर 318 करोड़ रुपये की लागत से आइएसबीटी का निर्माण लंबित है. पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर इसका निर्माण करने के लिए जुडको अब तक चार बार टेंडर जारी कर चुका है. लेकिन एक भी निवेशक के रुचि नहीं लेने के कारण हर बार टेंडर स्थगित करना पड़ा. निवेशकों का रुझान बढ़ाने के लिए जुडको ने एप्रोच रोड बना कर प्रस्तावित आइएसबीटी को रिंग रोड से जोड़ने की योजना तैयार कर नगर विकास विभाग को भेज दिया है.
17 वर्षों से फाइलों में उलझी है योजना
राजधानी में आइएसबीटी निर्माण की योजना वर्ष 2008 से ही बन रही है. तब से अब तक योजना में कई बार बदलाव किया गया है. लेकिन इसे फाइलों से निकालने में सफलता नहीं मिली है. सबसे पहले वर्ष 2008 में नामकुम के सरवल में आइएसबीटी निर्माण की योजना बनायी गयी. वर्ष 2010 में उसे बदल कर कांके के सुकुरहुटू में आइएसबीटी बनाने का निर्णय लिया गया. छह साल बाद 2016 में कांके के दुबलिया में जमीन चिह्नित कर आइएसबीटी बनाने की योजना राज्य सरकार ने स्वीकृत की. 2022 से निर्माण के लिए निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए टेंडर जारी हो रहा है. हालांकि, अब तक निवेशक खोजने में सफलता नहीं मिल सकी है.
27 एकड़ में बस टर्मिनल व 9.5 एकड़ में बनना है कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स
दुबलिया में प्रस्तावित आइएसबीटी में लगभग 27 एकड़ जमीन पर बस टर्मिनल और 9.50 एकड़ जमीन पर कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने की योजना है. वहां 500 से अधिक बसों की रोज आवाजाही होने का अनुमान है. आइएसबीटी में एक साथ 170 बसें खड़ी की जा सकेंगी. वहां यात्री सुविधाओं की पूरी व्यवस्था करने का प्रस्ताव है. 350 यात्रियों के लिए वेटिंग प्लेटफॉर्म, छात्रावास, पुरुष व महिला शौचालय व स्नानागार निर्माण प्रस्तावित है. साथ ही यात्रियों के अलावा चालकों व सह चालकों के लिए फूड कोर्ट का निर्माण भी किया जाना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है