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Madhubani News : गिलेशन बाजार में बनेगा जी प्लस टू वातानुकूलित मछली बाजार

गिलेशन बाजार में शीघ्र ही जी प्लस टू मछली और मांस बाजार का निर्माण होगा.

मधुबनी.

गिलेशन बाजार में शीघ्र ही जी प्लस टू मछली और मांस बाजार का निर्माण होगा. इसके निर्माण के लिए शनिवार को भूमि की मापी का काम पूरा किया गया. इसका डीपीआर बनाकर विभाग को भेजा जाएगा. सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो मार्च महीने से मछली बाजार का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. लंबे अरसे से खरीदार व विक्रेता मछली बाजार निर्माण की मांग कर रहे थे. 27 फीट लंबे व 45 फीट चौड़ाई में जी प्लस टू मछली बाजार का निर्माण किया जाएगा. मछली एवं मांस के लिए केबिन का निर्माण किया जाएगा.

बाजार को वातानुकूलित बनाया जाएगा. चढ़ने उतरने के लिए लिफ्ट लगाया जाएगा. बताते चलें की गिलेशन बाजार म गंदगी के बीच मछली मार्केट सड़कों पर लगाया जा रहा है. तमाम आधुनिक सुविधाओं से यह बाजार दूर था. अंग्रेजी हुकूमत के समय से बाजार की अपनी महत्ता रही है. लेकिन यह धीरे-धीरे अपना अस्तित्व खोता जा रहा है. मापी कार्य के दौरान सिटी मैनेजर राजमणि कुमार, के जेई अरुण कुमार, अमीन परवेज आलम सहित कई लोग मौजूद थे.

ध्वस्त हो चुका है रिलेशन का मछली मार्केट

गिलेशन मछली बाजार के जर्जर शेड के परखच्चे उड़ गए हैं. बिजली, पानी, नाली, साफ सफाई सहित अन्य जरूरतों की सारी बुनियादी व्यवस्थाएं ध्वस्त है. मछली मार्केट जर्जर होने के कारण मछली के कुछ ही कारोबारी मार्केट के बाहर अपना कारोबार चला रहे हैं. जिसके कारण यहां कभी 25 से 30 मछली और मांस विक्रेता व्यवसाय करते थे. अब बाजार के बाहर वे अपना व्यवसाय कर रहे हैं. कई व्यवसायी अब यहां से पलायन कर गए हैं. पहले यहां के व्यवसायियों से नगर परिषद की ओर से प्रतिदिन 5 रुपए कुरी की वसूली की जाती थी. व्यवसायियों का कहना है कि जलापूर्ति व्यवस्था यहां नहीं है. बिजली आपूर्ति भी बंद है. संसाधन के अभाव में धीरे-धीरे गिलेशन बाजार का अस्तित्व समाप्त हो रहा है. कुछ कारोबारी सड़क पर ही अपना कारोबार लगाते हैं. साफ-सफाई ठीक ढंग से नहीं होने के कारण यहां की व्यवसायियों को हर समय महामारी के खतरे की आशंका बनी रहती है. नाला पूरी तरह से कचरा से पटा है.

क्या कहते हैं विक्रेता

मछली विक्रेता विनोद कुमार, उपेंद्र साह, प्रमोद कुमार दशरथ साह ने बताया कि गिलेशन बाजार स्थित मछली बाजार का अस्तित्व समाप्त हो रहा है. अभी भी लोग इस बाजार को मछली बाजार के नाम से जानते हैं. बाजार के अंदर कारोबार पूरी तरह बंद है. इसके बाहर मछली की 10 दुकानें लगती है. लेकिन कोई सुविधा नहीं है. विक्रेताओं ने बताया कि यदि नगर निगम की ओर से यहां वातानुकूलित मछली बाजार बनाया जाए तो लोग यहां फिर से आने लगेंगे.

क्या कहते हैं अधिकारी

नगर आयुक्त अनिल चौधरी ने कहा कि समस्या के समाधान के लिए क्रमिक रूप से कदम उठाए गए हैं. शहर में मछली बाजार के शीघ्र निर्माण के लिए प्रशासनिक पहल की गयी है.

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