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सेवा सबसे बड़ा धर्म है:- मुनिश्री आनंद कुमार

नंदी सेन मुनि के बारे में भी बताया कि कैसे वह भगवान महावीर के शासनकाल के सबसे बड़े सेवा धर्मी थे.

किशनगंज. महा तपस्वी युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी के विद्वान सुशिष्य मुनिश्री आनंद कुमार जी (कालू) एवं मुनि श्री विकास कुमार जी के पावन सानिध्य में रविवार को तेरापंथ समाज के लिए अत्यंत सौभाग्यशाली क्षण रहा.मुनि श्री जी ने तीर्थंकर महावीर भजन द्वारा प्रवचन का शुभारंभ किया. मुनिश्री ने धर्म करने के लिए दो महत्वपूर्ण अंग बताएं-दया और सम्यक्त्व के बिना धर्म करना अत्यंत कठिन है. इसके बाद निर्जरा के 12 भेद के बारे में भी ज्ञान दिया. उन्होंने महानिर्जरा के चार कारण को बताया कि बाल साधु की सेवा करना, तपस्वी साधु की सेवा करना,रोगी साधु की सेवा करना एवं वृद्ध साधु को चित्त समाधि में लाना.इन चार महत्वपूर्ण कारण के बारे में पूरे समाज को अवगत करवाया. उन्होंने कहां सेवा सबसे बड़ा धर्म है.उन्होंने नंदी सेन मुनि के बारे में भी बताया कि कैसे वह भगवान महावीर के शासनकाल के सबसे बड़े सेवा धर्मी थे. तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्षा श्रीमती संतोष देवी दुगड़ ने अपनी टीम के साथ 161त्याग का प्रत्याख्यान कर अपना योगदान मुनिवर के चरणों में समर्पित कर किशनगंज समाज की ओर से त्याग का कीर्तिमान स्थापित किया. तत्वविज्ञ परीक्षा भाग-3 वर्ष 2024 में श्रीमती सुनीता लोढ़ा ने सम्पूर्ण भारतवर्ष में चतुर्थ स्थान प्राप्त कर किशनगंज का मान बढ़ाया।इसके लिए किशनगंज महिला मंडल ने उन्हे समृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। संघ समर्पित सुश्राविका मुमुक्षु, उपासिका सुश्री शायर कोठारी को तेरापंथ धर्मसंघ एवं विभिन्न संस्थाओं मै सक्रिय सहभागिता एवं मार्गदर्शन देने हेतु तेरापंथ सभा द्वारा समृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया.

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