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बोकारो में 100 एकड़ वन भूमि की खरीद-बिक्री की जांच करेगी CID, भूमाफियाओं ने ऐसे किया था फर्जीवाड़ा

बोकारो में भूमाफिया, अंचलकर्मी और बोकारो स्टील प्लांट के अफसरों की मिलीभगत से करीब 100 एकड़ वन भूमि की खरीद-बिक्री का आरोप है. कोर्ट के आदेश पर 18 मार्च 2024 को बोकारो के सेक्टर-12 थाने में केस दर्ज किया गया था. अब सीआईडी ने इसकी जांच शुरू कर दी है.

रांची, प्रणव-बोकारो के तेतुलिया मौजा स्थित करीब 100 एकड़ वन भूमि का फर्जी दस्तावेज बनाकर भू-माफिया, अंचल के हल्का कर्मी और बोकारो स्टील प्लांट के अफसरों की मिलीभगत से खरीद-बिक्री के मामले की जांच अब सीआईडी करेगी. झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता और बोकारो एसपी मनोज एस के निर्देश के बाद सीआईडी ने सेक्टर-12 थाना में दर्ज कांड संख्या 32/2024 को टेकओवर कर जांच शुरू कर दी है. इस मामले में बोकारो वन प्रमंडल के प्रभारी वनपाल सह वनरक्षी रुद्र प्रताप सिंह की शिकायत पर धारा 406, 420, 467, 4680 471, 120बी/34 व 30(सी)/63 फॉरेस्ट एक्ट के तहत सेक्टर-12 थाना में 18 मार्च 2024 को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.

शिकायत में क्या कहा गया था?


शिकायत में कहा गया था कि इजहार अंसारी, अख्तर हुसैन और शैलेश कुमार सिन्हा आपराधिक प्रवृत्ति के भूमाफिया हैं. धोखाधड़ी और दूसरे के नाम पर फर्जी दस्तावेज बनाकर वन भूमि को चास अंचल के तत्कालीन हल्का कर्मचारी रंगनाथ सिंह और बोकारो स्टील प्लांट के अधिकारियों जेएन सिंह, सचिंद्र प्रसाद पांडेय, सत्येंद्र सत्यार्थी, माधव प्रसाद सिन्हा व आरबी सिंह की मदद से वन भूमि की खरीद-बिक्री करते रहते हैं. पूर्व में तेतुलिया मौजा की 95.65 एकड़ जमीन बोकारो इस्पात संयंत्र को वापस करना था, लेकिन वापस नहीं किया गया. भूमि को भूमाफिया ने हस्तांतरित कर गबन कर लिया. जमीन की चास अंचल की ओर से जमाबंदी करने का मामला सामने आने के बाद बोकारो के वन प्रमंडल पदाधिकारी ने चास अंचल के सीओ को पत्र लिखा. कहा कि जमीन वन भूमि है. इसलिए गलत तरीके से की गयी जमाबंदी रद्द की जाए. मामले में भूराजस्व विभाग की जांच कमेटी ने सरकार को रिपोर्ट दी कि खतियान में तेतुलिया मौजा की थाना नंबर-38, खाता नंबर-59, प्लॉट संख्या 426 व 450 में रकवा 40.60 एकड़ व 60.60 एकड़ गैर मजरुआ मालिक, किस्म जंगल-झाड़ी दर्ज है.

ऑनलाइन एफआईआर पर नहीं हुई कार्रवाई


बोकारो वन प्रमंडल के प्रभारी वनपाल सह वनरक्षी रुद्र प्रताप सिंह ने मामले में लिखित सूचना 30 अक्तूबर 2023 को सेक्टर-12 थाने को दी थी. कोई कार्रवाई नहीं हुई. 14 नवंबर 2023 को उच्चाधिकारियों के निर्देश पर ऑनलाइन एफआईआर की गयी. कोई कार्रवाई नहीं हुई. तब कोर्ट गये. कोर्ट के आदेश पर 18 मार्च 2024 को बोकारो के सेक्टर-12 थाना में केस दर्ज किया गया. नौ माह से ज्यादा गुजरने के बाद भी इसकी जांच पूरी नहीं हुई. अब सीआईडी मामले की जांच करेगी.

ये हैं मामले में नामजद आरोपी

  1. इजहार हुसैन, उकरीद, सेक्टर-12, बोकारो
  2. अख्तर हुसैन, उकरीद, सेक्टर-12, बोकारो
  3. शैलेश कुमार सिंह, सिटी सेंटर, सेक्टर-4, बोकारो
  4. रंगनाथ सिंह, तत्कालीन हल्का कर्मचारी, चास अंचल, बोकारो
  5. जेएन सिंह, तत्कालीन उप महाप्रबंधक, नगर सेवाएं, बोकारो
  6. सचिंद्र प्रसाद पांडेय, तत्कालीन वरीय प्रबंधक (भू एवं संपदा), बोकारो इस्पात संयत्र
  7. सत्येंद्र सत्यार्थी, वरीय प्रबंधक (भू एवं संपदा), बोकारो स्टी सिटी
  8. माधव प्रसाद सिन्हा, तत्कालीन उपमहाप्रबंधक, (नगर प्रशासन-भूमि), बोकारो इस्पात संयत्र
  9. आरबी सिंह, तत्कालीन महाप्रबंधक, नगर सेवाएं, बोकारो स्टील सिटी

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