310 करोड़ की झरिया जलापूर्ति योजना को जून 2025 तक पूरा करने के लिए जीएमसी कंपनी को तीसरी बार एक्सटेंशन दिया गया है. साथ ही इसी माह कंपनी को चेतावनी दी गयी है कि निर्धारित समय पर काम पूरा नहीं होने पर टर्मिनेट कर दिया जायेगा. जमाडा के प्रभारी कार्यपालक अभियंता मयंक भगत ने कहा कि अब तक 60 प्रतिशत काम पूरा हुआ है. इंटेक वेल का 90 प्रतिशत, डब्ल्यूटीपी का 95 प्रतिशत तक काम हो गया है. इंटेकवेल से डब्ल्यूटीपी तक लगभग एक किलोमीटर तक राइजिंग पाइप बिछानी है. इस पर भी काम चल रहा है. रेलवे की ओर से एनओसी मिल गयी है. करकेंद व होरलाडीह क्रॉसिंग में पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है. झरिया में पांच, पुटकी में एक, करकेंद में एक व झुलनबरारी में एक संप बना दिये गये हैं. आरसीडी व एनएच से एनओसी नहीं मिलने के कारण थोड़ी समस्या आ रही है. इंटेकवेल व डब्ल्यूटीपी में बिजली कनेक्शन के लिए बिजली विभाग को पेमेंट कर दिया गया है. जल्द वहां बिजली की सप्लाई शुरू हो जायेगी. 55000 घरों में पानी कनेक्शन देना है. सर्वे का काम तो हो गया है, लेकिन अब तक 100 एमएम व 150 एमएम का डिस्ट्रीब्यूशन पाइप नहीं आयी है. 150 किलोमीटर तक पाइप बिछाने के लिए ऑर्डर दिया गया है. डेड लाइन के अंदर काम पूरा नहीं होने पर कंपनी को टर्मिनेट करने की कार्रवाई की जायेगी.
बाजार फीस व डीएमएफटी से हो रहा खर्च :
इस योजना में जमाडा के बाजार फीस से 188 करोड़ और डीएमएफटी से 122 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं. बताया जाता है कि 310 करोड़ की जलापूर्ति योजना का काम 2019 में शुरू हुआ. कोरोना के कारण लगभग एक साल काम बंद रहा. इसके बाद कुछ तकनीकी कारणों से धीमी गति से काम किया गया. कंपनी को तीसरी बार एक्सटेंशन दिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है