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Bokaro News : बोकारो जिले में अभी तक मात्र 12.52 प्रतिशत धान की खरीदारी

Bokaro News : 2024 का मानसून जमकर बरसा था. इसका असर धान की खेती पर सकारात्मक रूप से हुआ. जिला सहकारिता विभाग का आंकड़ा तो कम से कम यही बता रहा है.

सीपी सिंह, बोकारो : 2024 का मानसून जमकर बरसा था. इसका असर धान की खेती पर सकारात्मक रूप से हुआ. जिला सहकारिता विभाग का आंकड़ा तो कम से कम यही बता रहा है. 15 दिसंबर से विभाग की ओर से धान की खरीदारी की जा रही है. किसान व धान के उत्पादन का ही असर है कि बोकारो जिला में धान की अधिप्राप्ति पिछले साल की तुलना में अभी ही अधिक हो गयी है. वर्ष 2023-24 में 21743.22 क्विंटल धान की खरीदारी हुई थी. जबकि 2024-25 में अबतक 25040.55 क्विंटल धान की खरीदारी हुई है. बोकारो जिला में धान अधिप्राप्ति को लेकर 6562 किसानों को रजिस्टर्ड किया गया है. 8652 एमएमएस भेजा गया है. 479 किसान धान बिक्री के लिए टर्न आउट हुए हैं. बेचे गये धान के बदले 60097327.20 रुपया का पेमेंट जनरेट किया गया है. वहीं 15305502.95 रुपये का पेमेंट किया गया है.

प्रभात खबर की खबर व डीसी के फटकार के बाद तेज हुई रफ्तार

23 दिसंबर तक धान अधिप्राप्ति का काम सुस्त तरीके से चल रहा था. डीसी विजया जाधव ने इसे लेकर जिला के सभी प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी का वेतन स्थगित किया था. इससे पहले 22 दिसम्बर को प्रभात खबर ने धान खरीदारी में प्रदेश में 20वें स्थान पर बोकारो नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी. इस खबर के बाद डीसी एक्शन मोड में आयीं. बताते चलें कि सरकार की ओर से प्रति क्विंटल 2400 रुपये धान का समर्थन मूल्य दिया जा रहा है. इसे लेकर डीसी ने किसानों का जागरूक करने की बात कही थी. इसके बाद इस कार्य में बीटीएम, एटीएम, पंचायत कर्मी, कृषक मित्र, पशु मित्र आदि को लगाया गया. जगह-जगह अभियान चलाया गया. असर धान की अधिप्राप्ति में दिखा.

पिछले तीन वित्तीय वर्ष से लक्ष्य से दूर रह रहा है जिला

प्रदेश की ओर से बोकारो जिला को दो लाख क्विंटल धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य दिया गया है. यह लक्ष्य पिछले तीन साल से दिया जा रहा है. लेकिन, जिला पिछले तीन साल में इस लक्ष्य को पूरा करने में कोसों दूर रह रहा है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिला ने 194111.85 क्विंटल धान की अधिप्राप्ति की थी. यह हाल के वर्ष में जिला का सबसे बेहतर प्रदर्शन है. इसके बाद 2022-23 में जिला में 40939.57 क्विंटल धान की खरीदारी हुई. सबसे खराब स्थिति पिछले साल यानी 2023-24 की रही. उस साल मात्र 21743.22 क्विंटल धान की खरीदारी हुई.

इस साल भी लक्ष्य की प्राप्ति दूर की कौड़ी

मौजूदा वित्तीय वर्ष में भले ही पिछले साल से अधिक धान की खरीदारी विभाग की ओर से किया गया है. लेकिन लक्ष्य की प्राप्ति दूर की कौड़ी दिख रही है. मौजूदा वित्तीय वर्ष में 25040.55 क्विंटल धान की खरीदारी हुई है, जो देय लक्ष्य का 12.52 प्रतिशत ही है. यानी अभी भी 87 प्रतिशत खरीदारी बाकी है. जानकारों के अनुसार, धान खरीदारी में तेजी का आलम मकर संक्रांति से लेकर बसंत पंचमी तक रहता है. इसके बाद धान बिक्री की दिशा में विशेष कुछ होता नहीं है. हालांकि, सरकारी तारीख 31 मार्च तक है. ऐसे में सवाल यह कि दो सप्ताह में देय लक्ष्य को क्या जिला प्राप्त कर पायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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