नोवामुंडी. चक्रधरपुर रेल मंडल के डांगुवापोसी प्रभाग में विशेष परियोजना के तहत पादापहाड़ स्टेशन से ओडिशा के जामकुंडिया तक रेल लाइन बिछायी गयी है. इसके लिए जमीन देने वालों ने मुआवजा व नौकरी की मांग पर सोमवार को एक दिवसीय सांकेतिक धरना-प्रदर्शन किया. इसका नेतृत्व पूर्व विधायक मंगलसिंह बोबोंगा, मुंडा लक्ष्मण बालमुचु, फिरोज अहमद, राजेंद्र बालमुचु, कांडे बालमुचु, सनातन बालमुचु, सुशीला पुरती, आनंद बालमुचु, रजनी कुंटिया व घनश्याम हेंब्रम ने किया. इस दौरान रेलवे पदाधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा गया. इसमें कहा गया कि रेल लाइन बिछाने के लिये वर्ष 2009 में रेलवे ने 29 रैयतों की जमीन का अधिग्रहण किया. इसमें 21 रैयतों को जमीन के बदले नौकरी दी गयी. आठ रैयतों को मेडिकल कराने के बाद भी नौकरी नहीं दी गयी. इसी दौरान सरबिल गांव में सरबिल व पदापहाड के 72 रैयतों की जमीन का अधिग्रहण किया गया, लेकिन नौकरी व मुआवजा ने नहीं दिया गया. ज्ञापन में कहा गया कि पहले आठ कृषकों को नौकरी दी जाये. कहा गया कि वर्तमान में दोबारा 22 एकड जमीन 2.5 किलोमीटर रेल पटरी बिछाने के लिये अधिग्रहण की योजना है. रैयतों ने कहा कि पहले 2009 में ली गयी जमीन के एवज में शेष 8 किसानों को नौकरी दे, तभी आगे जमीन लेन-देन पर विचार होगा. ज्ञापन में कहा कि पादापहाड़ जमीन बचाओ समिति प्रतिबद्ध है कि पहले 8 रैयतों को नौकरी मिले और 28 किसानों के अधिग्रहित जमीन के एवज में मुआवजा व नौकरी दे. इसके बाद वर्तमान में जमीन अधिग्रहण के मामला पर विचार होगा. मौके पर पादापहाड़ व सरबिल गाव के रैयत मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है