राकेश सिंह, चाकुलिया
वर्ष 2025 में रंगों का त्योहार होली और होलिका दहन को लेकर चाकुलिया गौशाला में अभी से तैयारी शुरू है. चाकुलिया स्थित नया बाजार गौशाला परिसर में होलिका दहन सामग्री बनायी जा रही है. लगभग दो दर्जन मजदूर दिन-रात गाय के गोबर से होलिका दहन सामग्री बना रहे हैं. गाय के गोबर से होला, होलिका, ढाल, खड़ाऊ, नारियल, पान, सुपारी, चांद, सूरज, तारा आदि आकृति की सामग्री बनायी जा रही है.चाकुलिया गौशाला में निर्मित होलिका दहन सामग्री कोलकाता, रांची, जमशेदपुर, बेंगलुरु समेत कई बड़े शहरों के बाजारों तक पहुंचती है. चाकुलिया गौशाला के उपाध्यक्ष आलोक लोधा व सचिव संजय लोधा ने बताया कि इस वर्ष लगभग 3000 पैकेट होलिका दहन सामग्री बनाकर बाजारों तक पहुंचाने का लक्ष्य है. प्रत्येक पैकेट की कीमत लगभग 350 से 400 रुपये होगी.
पैकेट में होलिका दहन की सामग्री
होला-1होलिका-1ढाल-7
खड़ाऊ-2नारियल-1
पान-1सुपारी-7
चांद-1सूरज-1तारा-1
चकला-1बेलन-1
तवा-1कड़ाही-1
टेनिया-1पीपल पत्ता-1
बर्फी-1जीभ-1
बड़कुल्ला-50धागा- 1रोल
हल्दी-3बाबई रस्सी-10 फीटगौ संरक्षण व गौ पालन के लिए जागरूक कर रही गौशाला
चाकुलिया गौशाला प्रबंधन गाय के दूध और घी के उत्पादन के साथ अन्य क्षेत्र में बेहतर काम कर रहा है. दीपावली पर दीप का निर्माण कर देश के बड़े शहरों के बाजारों तक पहुंचाया जाता है. वहीं, होली में होलिका दहन सामग्री बनायी जा रही है. हाल में अयोध्या राम मंदिर निर्माण के एक वर्ष पूर्ण होने पर चाकुलिया गौशाला ने लगभग 20 हजार दीये बनाकर अयोध्या भेजने का काम किया है. क्षेत्र के लोगों का कहना है कि चाकुलिया नया बाजार गौशाला गौ संरक्षण के क्षेत्र में बेहतर काम कर रही है. गोबर व गोमूत्र से सामग्री निर्मित कर बाजारों तक पहुंचा कर लोगों को गौ पालन के लिए जागरूक कर रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है