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Chapra News : नगर प्रशासन और फेडरेशन के बीच वार्ता विफल, 23 से हड़ताल पर जायेंगे सफाईकर्मी

Chapra News : सोमवार को भी फेडरेशन के नेताओं और नगर प्रशासन के अधिकारियों के बीच वार्ता विफल रहा.

छपरा. सोमवार को यह उम्मीद जतायी जा रही थी कि नगर निगम सफाईकर्मियों का 23 जनवरी से हड़ताल पर जाने का निर्णय वापस हो जाएगा. नगर प्रशासन के साथ-साथ शहर के लोग भयंकर परेशानी से मुक्त हो जाएंगे, लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है. सोमवार को भी फेडरेशन के नेताओं और नगर प्रशासन के अधिकारियों के बीच वार्ता विफल रहा.

पहले लेटर निकाले, फिर हड़ताल वापसी की होगी घोषणा

नगर निगम के परिसर में जमे लोकल बॉडीज इंप्लाइज फेडरेशन के नेताओं ने एक सुर में कहा कि बिना पत्र निकले अब कोई बात नहीं होगी. गोलमोल बात अब नहीं चलेगी अब आर पार की लड़ाई होगी. रोज-रोज बेवजह वार्ता के नाम पर परेशान किया जा रहा है और समय टाला जा रहा है. सोमवार को भी बात नहीं बनी और फालतू के बातों में अधिकारियों ने उलझाए रखा. जो मांग है उसे पर बात नहीं हो रही है और केवल गोल मटोल बात करके अधिकारी और महापौर संगठन को मूर्ख बना रहे हैं ऐसा नहीं चलेगा. अब जब तक लेटर सामने नहीं आएगा हड़ताल वापस लेने का निर्णय पर कोई बात नहीं होगी. जब तक सभी शर्तों को निगम प्रशासन नहीं मान लेता तब तक हड़ताल का निर्णय वापस नहीं लेंगे. निगम प्रशासन ने कुछ ही मांगों को माना है, जब तक सभी मांगे पूरी नहीं होगी हड़ताल का निर्णय वापस नहीं होगा.

अध्यक्ष ने फिर दोहराई अपनी बात

लोकल बॉडीज इंप्लाइज फेडरेशन के नेताओं ने नगर निगम परिसर में कहा कि दैनिक मजदूरी वाले सफाई कर्मियों को पूर्व महापौर राखी गुप्ता के कार्यकाल में निर्णय लिए गए तीन कैटेगरी में वेतन देने के तहत भुगतान की जाए. इनमें कुशल आकुशल और दक्ष कर्मियों के मानदेय के तहत 15000, 20000 और 25000 दिया जाना था लेकिन उसको नहीं माना गया. इसी तरह सारण के पड़ोसी जिला सिवान और गोपालगंज सहित वैशाली आदि जिलों में भी सफाई कर्मियों को 18000 पर महीना दिया जा रहा है लेकिन छपरा में₹400 प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी दी जा रही है यह कहां का न्याय है. हाल ही में नगर निगम के बोर्ड में जो निर्णय लिया गया था उसकी प्रोसिडिंग को नगर आयुक्त के पास नहीं भेजा गया है, ताकि इसे बजट में रखते हुए इसके लिए आवंटन प्राप्त की जाए और भुगतान की जाए. सातवें वेतन आयोग के तहत वेतनमान तय करने की मांग कही गई थी केवल इसी पर निर्णय हुआ है आयुक्त ने सातवें वेतनमान के तहत लेखा पदाधिकारी को फिक्सेशन शुरू करने का आदेश दिया है लेकिन मूल मांगों को अभी तक नहीं माना गया है. ऐसे में जब तक मूल मांगे नहीं मानी जाएगी हड़ताल का निर्णय वापस नहीं होगा. नेताओं ने कहा कि अब जब तक हाथ में पत्र नहीं होगा तब तक कोई बात नहीं होगी.

क्या बोले फेडरेशन के अध्यक्ष

नगर निगम के अधिकारी और जनप्रतिनिधि केवल गोल मटोल बात कर रहे हैं. जो मांग है उससे संबंधित पत्र नहीं निकाल रहे हैं, ऐसे में हड़ताल होकर रहेगा और इसका खामियांजा नगर प्रशासन को भुगतना पड़ेगा.

सियाराम सिंह, अध्यक्ष, लोकल बॉडीज इंप्लाइजफेडरेशन

क्या बोले सचिव

मजदूर सफाई कर्मियों के हित में जो भी बन सकता है वह हम सभी करेंगे. वार्ता चल रही है लेकिन जब तक लेटर नहीं निकलेगा आगे अब कोई बात नहीं होगी.मसूद हसन, सचिव

क्या बोले महापौर

जो भी नियम अनुकूल कार्य होगा उसे किया जाएगा. यह वित्तीय मामला है इसमें जल्दीबाजी नहीं की जा सकती है. जल्द ही निर्णय होगा. यह निर्णय सफाईकर्मियों के हित में होगा. फेडरेशन के नेताओं से वार्ता हो रही है.

लक्ष्मी नारायण गुप्ता, महापौर, नगर निगम

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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