राजमहल कोल परियोजना के अधीनस्थ हुर्रासी कोयला खनन क्षेत्र का दूसरे दिन सीएमडी सतीश झा ने निरीक्षण किया. राजमहल परियोजना का निरीक्षण करते हुए कहा कि हुर्रासी कोयला खनन क्षेत्र में प्राइवेट कंपनी मोंटे कार्लो कार्य कर रही है. कंपनी पिछले वित्तीय वर्ष में बेहतर प्रदर्शन करते हुए अपने कोयला खनन का निर्धारित लक्ष्य को पूरा किया था और वर्तमान वित्तीय वर्ष में भी कंपनी सुरक्षित तरीके से अपने निर्धारित लक्ष्य अवश्य पूरा करेंगी. कंपनी प्रबंधन के अथक प्रयास से सुरक्षित ढंग से कोयला उत्पादन एवं डिस्पैच हो रहा है. उन्होंने कहा कि कोयला खनन के साथ-साथ क्षेत्र के विकास होना भी आवश्यक है. परियोजना के महाप्रबंधक प्रभारी एएन नायक को निर्देश देते हुए कहा कि सुरक्षित तरीके से कोयला खनन करना सबसे बड़ी जिम्मेवारी का कार्य है. सीएमडी ने हुर्रासी कोयला खनन क्षेत्र में कांटा घर एवं कैंप का उद्घाटन फीता काट कर एवं विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हुए नारियल फोड़ कर किया. उन्होंने कहा कि कांटा घर बन जाने से कोयले के डिस्पैच में आसानी होगी एवं कैंप बन जाने से कार्यरत मजदूरों को सुविधा होगी. कंपनी के प्रबंधक केके सिंह ने गुलदस्ता देकर सीएमडी का स्वागत किया. मौके पर महाप्रबंधक प्रभारी एएन नायक सतीश मुरारी, दिनेश शर्मा आदि उपस्थित थे.
सीएमडी के आगमन पर इंतजार करते रहे ग्रामीण, नहीं हो सकी मुलाकात
सीएमडी के आगमन पर ग्रामीण इंतजार करते रहे, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी. मुलाकात नहीं होने पर ग्रामीणों में आक्रोश दिखा. मुखिया प्रतिनिधि सोना लाल टुडू ने बताया कि इसीएल के वरीय पदाधिकारी के आगमन पर ग्रामीणों में आशा की किरण दिखाई दी थी, लेकिन सीएमडी ने किसी भी ग्रामीण से मुलाकात नहीं किया. क्षेत्र की समस्या की जानकारी भी हासिल नहीं की. इससे साफ जाहिर होता है कि खानापूर्ति के लिए खनन क्षेत्र का निरीक्षण किया गया. सीएमडी के निरीक्षण से राजमहल परियोजना के विस्तार का ग्रहण लग गया है. परियोजना के विस्तार के लिए क्षेत्र के रैयत से मिलना आवश्यक होता है, लेकिन ग्रामीण के नाराजगी से परियोजना के विस्तार थम गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है