Donald Trump Citizenship Order: अमेरिका में न्यू जर्सी सहित 15 से अधिक राज्यों ने मंगलवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस कार्यकारी आदेश को चुनौती देने का निर्णय लिया है, जो जन्म आधारित नागरिकता की संवैधानिक गारंटी को समाप्त करने का प्रयास करता है. ट्रंप ने सोमवार को 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी और यह कदम उनके चुनावी वादों में से एक था.
न्यू जर्सी के डेमोक्रेटिक अटॉर्नी जनरल मैट प्लैटकिन ने घोषणा की कि वह 18 राज्यों, वाशिंगटन डीसी और सैन फ्रांसिस्को शहर के एक समूह का नेतृत्व कर रहे हैं, जो इस आदेश पर रोक लगाने के लिए अदालत में मुकदमा दायर करेगा. उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति के पास व्यापक अधिकार होते हैं, लेकिन वे किसी सम्राट की तरह निरंकुश नहीं हो सकते.”
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ट्रंप के इस आदेश से अमेरिका में जन्म लेने वाले लोगों को स्वत: नागरिकता मिलने की परंपरा समाप्त हो जाएगी. ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान इस नीति को खत्म करने का वादा किया था. प्लैटकिन और प्रवासी अधिकारों के अधिवक्ताओं ने संविधान के 14वें संशोधन का हवाला दिया है, जो यह सुनिश्चित करता है कि अमेरिका में जन्मे और यहां के अधिकार क्षेत्र में रहने वाले लोग अमेरिकी नागरिक माने जाएंगे.
ट्रंप के आदेश के अनुसार, अगर किसी नवजात के माता-पिता में से एक भी अमेरिकी नागरिक या ग्रीन कार्ड धारक नहीं है, तो उस बच्चे को अमेरिकी नागरिकता नहीं मिलेगी. यह नीति विशेष रूप से भारतीय प्रवासियों पर असर डाल सकती है, जिनमें एच-1बी, एल1 वीजा धारक, डिपेंडेंट वीजा (एच4), स्टूडेंट वीजा (एफ1) और अन्य शॉर्ट टर्म वीजा धारक शामिल हैं.
यह आदेश 20 फरवरी से अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चों पर लागू होगा. हालांकि, इस आदेश को अदालत में चुनौती दी जा चुकी है और अगर अदालत एक महीने के भीतर इस पर रोक लगा देती है, तो यह प्रभावी नहीं होगा. इस फैसले का सबसे अधिक प्रभाव उन भारतीयों पर पड़ सकता है जो अस्थायी वीजा पर अमेरिका में रह रहे हैं. इसके कारण उन्हें अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता हो सकती है, खासकर अगर अदालत में इस आदेश पर रोक नहीं लगती है.
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