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मृत व्यक्ति की जमीन को अपना बता बेचने के दौरान पकड़ा गया आरोपी

आरोपी एक मृत व्यक्ति का नकली आधार कार्ड और अन्य कागजात बनाकर मृतक की संपत्ति बेचने की कोशिश कर रहा था.

फर्जी आधार कार्ड बनाकर डेढ़ करोड़ रुपये में 21 कट्ठा जमीन बेचने की फिराक में था हुगली.दादपुर पुलिस ने मृत व्यक्ति के फर्जी आधार कार्ड व अन्य कागजात बनाकर जमीन बेचने की कोशिश कर रहे एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. आरोपी एक मृत व्यक्ति का नकली आधार कार्ड और अन्य कागजात बनाकर मृतक की संपत्ति बेचने की कोशिश कर रहा था. पोलबा कोटालपुर निवासी अब्दुल अली नायक नामक आरोपी को दादपुर थाने के प्रभारी अभिषेक चौधरी ने गिरफ्तार कर उसे चुंचुड़ा कोर्ट में पेश किया. जहां आरोपी को चार दिनों के लिए पुलिस रिमांड में भेज दिया गया. जांच का जिम्मा पुलिसकर्मी गौतम मंडल को सौंपा गया है. वह आरोपी से सर्वप्रथम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इस गोरखधंधे में और कौन-कौन शामिल हैं. घटना हुगली जिले के दादपुर थाना क्षेत्र के महेश्वरपुर की है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, पोलबा कोटालपुर निवासी अब्दुल अली नायक ने गुलाम मुर्तजा बनकर दुर्गापुर एक्सप्रेस-वे के पास स्थित 21 कट्ठे की जमीन को बेचने की कोशिश की, जिसकी वर्तमान कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपये बतायी जा रही है. गुलाम मुर्तजा के बेटे रफीकुल इस्लाम ने बताया कि उनके पिता की मृत्यु करीब 40 वर्ष पहले हो चुकी है. महेश्वरपुर के हाई रोड के किनारे दो अलग-अलग प्लॉट में 21 कट्ठे की जमीन उनके पिता के नाम पर दर्ज है. अचानक एक व्यक्ति इस जमीन के लिए पहुंचा. जब स्थानीय लोगों ने पूछताछ की तो उसने बताया कि वह जमीन देखने आया है, क्योंकि इसे बेचा जा रहा है. रफीकुल ने कहा कि यह सुनकर वह हैरान रह गये कि उनकी जमीन को बेचने की कोशिश की जा रही है और उन्हें ही इसकी जानकारी नहीं है. जब उन्होंने उस व्यक्ति से पूछताछ की तो उसके पास गुलाम मुर्तजा के नाम पर बना आधार कार्ड मिला, लेकिन उसमें लगी तस्वीर अब्दुल अली नायक की थी. रफीकुल ने कहा कि उनके पिता का निधन 40 साल पहले हो गया था, फिर उनके नाम पर आधार कार्ड कैसे बना? इस मामले की गंभीरता को देखते हुए परिजनों ने अब्दुल अली नायक को पकड़कर दादपुर थाने के हवाले कर दिया. पुलिस ने बताया कि आरोपी ने आधार कार्ड की जालसाजी कर किसी और की जमीन हड़पने की योजना बनायी थी. इस आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया और उसे अदालत में पेश कर चार दिनों की पुलिस रिमांड पर लिया गया है. पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि यह नकली आधार कार्ड कहां से बना और इस गिरोह में और कौन-कौन शामिल हैं. प्राथमिक जांच के अनुसार, आरोपी पहले जाली दस्तावेज तैयार कर खरीदार का भरोसा जीतता था. फिर जमीन दिखाकर एडवांस रकम लेकर फरार हो जाता था. इसके लिए पहले से ही पूरी साजिश रची जाती थी कि शिकार को कैसे फंसाया जाये.

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