बक्सर
. जिले को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत टीबी मुक्त पंचायत पहल कार्यक्रम की गति तेज कर दी गयी. चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत टीबी मुक्त पंचायत पहल कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के सभी प्रखंडों के कुल 55 पंचायतों का चयन किया गया है. जिनको टीबी मुक्त बनाने के लिए जिला से लेकर प्रखंड व पंचायत स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं. इस क्रम में पिछले वर्ष जिले के तीन पंचायत सरेंजा, जासो व कमरपुर पंचायत को टीबी मुक्त घोषित किया गया था. फिलहाल तीनों पंचायत लगातार दूसरे साल भी टीबी मुक्त घोषित होंगे. जिसके बाद 24 मार्च को मुक्त पंचायत का प्रमाण पत्र एवं राष्ट्रीय पिता महात्मा गांधी की सिल्वर मूर्ति देकर सम्मानित किया जायेगा. पिछले वर्ष तीनों पंचायतों को महात्मा गांधी की कांस्य की मूर्ति व प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया था.तीन साल तक टीबी मुक्त रहने पर दी जाएगी बापू की स्वर्ण प्रतिमा :
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ शालिग्राम पांडेय ने बताया कि पहले वर्ष 2023-24 के लिए चयनित पंचायतओं को कांस्य प्रतिमा दी गयी. लगातार दो वर्षों तक यह दर्जा बरकरार रहने पर रजत (सिल्वर) और तीन वर्षों तक यह दर्जा बने रहने पर पंचायतों को गांधी जी की स्वर्ण प्रतिमा दी जायेगी. टीबी मुक्त पंचायत पहल कार्यक्रम के अंतर्गत टीबी मुक्त हो चुके पंचायत को विश्व यक्ष्मा दिवस पर प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा, जो कि अगले एक वर्ष तक मान्य होगा. सम्मान के तौर पर पंचायत को प्रमाण-पत्र और महात्मा गांधी की प्रतिमा देकर सम्मानित किया जायेगा.52 पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने का रखा गया है लक्ष्य :
डॉ शालिग्राम पांडेय ने बताया कि पिछले वर्ष केवल तीन पंचायतों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. इस बार जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल के निर्देशन में जिले के कुल 52 पंचायतों का चयन किया गया है. जिनमें सदर प्रखंड के सात, ब्रह्मपुर प्रखंड के छह, चौसा के चार, चौगाईं के एक, चक्की के एक, डुमरांव के दो, इटाढ़ी के पांच, केसठ के तीन, नावानगर के सात, राजपुर के आठ व सिमरी प्रखंड के 10 पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जिस पर पूरी तैयारी के साथ कार्य किए जा रहे हैं. जल्द ही सभी पंचायतों को निर्धारित इंडिकेटरर्स को पूरा कराते हुए उन्हें टीबी मुक्त घोषित किया जाएगा. वहीं, पूर्व के तीन पंचायत भी इस दौड़ में शामिल होंगे.सरकार ने निर्धारित किए हैं इंडिकेटर, जिनको पूरा करना अनिवार्य :
जिला यक्ष्मा केंद्र के डीपीसी कुमार गौरव ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत के लिए सरकार ने कुछ इंडिकेटर निर्धारित किए हैं. जिनमें कार्यक्रम के तहत चयनित पंचायतों में एक हजार जनसंख्या पर एक या एक से कम मरीज होने चाहिए. इसी तरह उस इलाके में एक हजार लोगों में कम से कम 30 लोगों की बलगम जांच अनिवार्य है. वहीं, एक वर्ष तक 85 फीसदी ट्रिटमेंट सेक्सस रेट होना चाहिए. साथ ही, डीबीटी के तहत पहली निक्षय पोषण का लाभ लेना जरूरी है. टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत इलाजरत मरीजों को कम से कम छह माह तक लगातार पोषण कीट दी गई हो. इसके अलावा यूनिवर्सल ड्रग्स सेंसिटिविटी टेस्ट भी अनिवार्य है. इन सभी इंडिकेटर्स को पूरा करने वाले पंचायतों को 2024 के लिए एक साल के टीबी मुक्त ग्राम पंचायत का सर्टिफिकेट दिया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है