Jharkhand Politics| जमशेदपुर, संजीव भारद्वाज : झारखंड आंदोलनकारी, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के पूर्व प्रधान महासचिव और जमशेदपुर लोकसभा सीट से तीर-धनुष के सिंबल पर लगातार 2 बार सांसद रहे शैलेंद्र महतो और उनकी पत्नी पूर्व सांसद आभा महतो की झामुमो में लौट सकते हैं. इंतजार सिर्फ झामुमो के केंद्रीय नेतृत्व की हरी झंडी का है. केंद्रीय नेतृत्व की हरी झंडी मिलते ही शैलेंद्र महतो और आभा महतो की झामुमो में वापसी की तारीख और जगह तय हो जाएगी. इसके साथ ही कोल्हान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कुड़मी कार्ड भी खत्म हो जाएगा.
आभा के साथ शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन से मिले शैलेंद्र महतो
शैलेंद्र महतो और आभा महतो ने 2 दिन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन से मुलाकात की. हेमंत सोरेन से राजधानी रांची में प्रोजेक्ट भवन में और शिबू सोरेन से उनके आवास पर शैलेंद्र-आभा ने मुलाकात की. दोनों नेताओं के साथ घंटों समय व्यतीत किया. राजनीतिक, पारिवारिक और आंदोलन के दिनों की यादें साझा कीं. इसके बाद ही अटकलें लगने लगीं कि शैलेंद्र महतो घर वापसी की तैयारी कर रहे हैं.
शैलेंद्र महतो ने दिये संकेत – मेरी ओर से कोई शर्त नहीं
शैलेंद्र महतो ने भी संकेत दे दिया है कि उनकी ओर से कोई शर्त नहीं है. झामुमो उन्हें अपने साथ लेना चाहती है या नहीं, इसका फैसला उसे ही करना है. जमशेदपुर के पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो और आभा महतो ने बुधवार को में दिशोम गुरु शिबू सोरेन और उनकी पत्नी रूपी सोरेन से मुलाकात की थी. दोनों ने ही शैलेंद्र-आभा को पहचाना. उनके साथ काफी देर तक बातें की.
शैलेंद्र महतो को भाई मानतीं हैं हेमंत सोरेन की मां रूपी सोरेन
रूपी सोरेन चांडिल की हैं. इसलिए वह शैलेंद्र महतो को अपना भाई मानती हैं. लंबे अरसे के बाद अपने आवास पर शैलेंद्र महतो और आभा महतो को एक साथ देखकर बोल उठीं, ‘मैं सपना तो नहीं देख रही.’ फिर उन्होंने 1980 के दशक की बातें शुरू की. उस वक्त गुरुजी के साथ निर्मल महतो और शैलेंद्र महतो लगातार रांची, दिल्ली और जमशेदपुर आते-जाते रहते थे. गुरुजी ने भी शैलेंद्र महतो से पूछा कि वे अभी कहां रह रहे हैं. दोपहर का वक्त था, इसलिए उनसे खाना खाने का भी आग्रह किया.
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नये साल पर गुरुजी से मिलना था, समय मिला, तो मिलने गये – शैलेंद्र
झारखंड आंदोलनकारी सह पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो ने कहा कि नये साल पर उन्हें मुख्यमंत्री और गुरुजी से मिलना था, इसलिए उन्होंने मकर संक्रांति के बाद का समय चुना. उन्होंने मुलाकात का वक्त मांगा. वक्त मिला, तो मिलने गये.
हेमंत सोरेन के अपनत्व को नहीं भूल सकता – शैलेंद्र महतो
शैलेंद्र महतो ने कहा कि हेमंत सोरेन ने जिस तरह से उनके साथ अपनत्व दिखाया, उसे वे नहीं भूल सकते. उन्होंने कहा, ‘हर बात को राजनीति से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. इतना जरूर कहूंगा कि भाजपा ने मेरे जीवन के गोल्डेन 20 साल यूं ही गुजार दिये. न कोई जिम्मेदारी दी और न ही किसी काम का छोड़ा. अब चाहता हूं कि अपनी जिंदगी फिर से बेहतर ढंग से जी लूं. इसलिए अपने पुराने साथियों के साथ फिर से मिलने का मन बनाया. रांची में गुरुजी, रूपी सोरेन और हेमंत सोरेन से मुलाकात की.’ शैलेंद्र महतो और आभा महतो दोनों जमशेदपुर संसदीय सीट से भाजपा के टिकट पर भी चुनाव जीत चुके हैं.
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