Thailand Lesbian Marriage: थाईलैंड पहला दक्षिण-पूर्व एशियाई देश बन गया है, जिसने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दे दी है. हरी झंडी मिलने के बाद सैकड़ों की संख्या में समान लिंग वाले जोड़े शादी के बंधन में बंध रहे हैं. बैंकॉक की रिपोर्ट के अनुसार 200 से अधिक जोड़ों ने विवाह के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है.
समलैंगिक विवाह को लेकर क्या है कानून?
थाईलैंड ने समलैंगिक विवाह को जो कानूनी मान्यता दी है, उसके अनुसार समान लिंग वाले जोड़ों को कानूनी रूप से विवाह करने की इजाजत देता है. उन्हें पूर्ण रूप से कानूनी, वित्तीय और चिकित्सा अधिकार प्रदान करता है. समलैंगिक कानून जोड़ों को गोद लेने और विरासत के अधिकार भी देता है. CNN की रिपोर्ट के अनुसार थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा ने एक रिकॉर्डेड संदेश में कहा, सभी को समान अधिकार और सम्मान हक मिलना चाहिए. पीएम शिनावात्रा ने समलैंगिक विवाह के वैधीकरण को मील का पत्थर बताया. उन्होंने LGBTQIA+ समुदाय को बधाई दी.
LGBTQIA+ समुदाय ने समलैंगिक विवाह को मान्यता दिलाने के लिए लड़ी लंबी लड़ाई
समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता मिलना, LGBTQ+ समुदाय के लिए बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है. इस समुदाय ने इसके लिए लंबी लड़ाई लड़ी. कानूनी मान्यता मिलने के बाद समुदाय के लोगों ने दशकों लंबे संघर्ष का जश्न मनाया.
23 जनवरी 2025 – प्रेम की विजय का दिन : थाईलैंड की प्रधानमंत्री
थाईलैंड की प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा ने एक्स पर एक पोस्ट साझा किया और लिखा, “23 जनवरी 2025 – प्रेम की विजय का दिन! आज, इंद्रधनुषी झंडा थाईलैंड पर गर्व से लहरा रहा है.”
यह भी पढ़ें: समलैंगिक विवाह पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पुनर्विचार याचिका खारिज