रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने पलामू के हुसैनाबाद में दहेज को लेकर गर्भवती महिला की मौत मामले में पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने पर स्वत: संज्ञान से दर्ज याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने इस दौरान राज्य सरकार का पक्ष सुना. इसके बाद मामले को निष्पादित करते हुए बंद कर दिया. इससे पूर्व मामले में पलामू के उपायुक्त की ओर से शपथ दायर कर बताया गया कि आरोपी पति के खिलाफ संबंधित अदालत में इसी माह के तीन जनवरी को आरोप पत्र दायर किया जा चुका है. फरार चल रहे मृतका की सास व देवर ने 10 जनवरी को संबंधित अदालत में सरेंडर कर दिया है. पुलिस ने उन्हें रिमांड में लेने के लिए अदालत में आवेदन दिया था, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है. अब आरोपियों को रिमांड में लेकर पूछताछ की जा रही है. मामले में अनुसंधान अभी जारी है. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि मृतका के पति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. क्या है मामला : उल्लेखनीय है कि हुसैनाबाद के नवीनगर थाना क्षेत्र निवासी दूधेश्वर प्रसाद गुप्ता ने पलामू एसपी को पत्र लिखा था. इसमें कहा गया था कि दहेज की खातिर उनकी 20 वर्षीय पुत्री की हत्या उसके ससुरालवालों ने कर दी है, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. हरिहरगंज थाना क्षेत्र निवासी सूर्यदेव साव के पुत्र सौरभ कुमार गुप्ता से दूधेश्वर प्रसाद गुप्ता की पुत्री मिक्की कुमारी का विवाह 20 अप्रैल 2024 को हुआ था. शादी के बाद से उसके ससुरालवाले उसे प्रताड़ित कर रहे थे. एक अक्तूबर 2024 को उनके दामाद ने मृतका के भाई को फोन कर बताया कि वह डेहरी से मिक्की कुमारी का इलाज करा कर लौट रहे हैं. उन्हें हरिहरगंज पहुंचने को कहा था. जब मायकेवाले उसके ससुराल पहुंचे, तो उनकी पुत्री घर में मृत अवस्था में पड़ी थी. दूधेश्वर प्रसाद गुप्ता की पुत्री चार माह की गर्भवती थी. पुलिस इस मामले में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर रही थी. कार्रवाई को लेकर मृतका के पिता परेशान थे.
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