रांची. झारखंड हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव खेल ने कहा कि मैदान सिर्फ प्रतियोगिता स्थल नहीं है, जबकि यह सपनों को सच करने की प्रयोगशाला है. यहां मेहनत, अनुशासन और जुनून की परीक्षा होती है. वे गुरुवार को जेवीएम की वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि छात्रों की सफलता, शिक्षकों की गुणवत्ता उजागर करती है. विद्यालय में निरंतर खेल के आयोजन से भविष्य के चैंपियन मिलते हैं. मानसिक और शारीरिक विकास के लिए खेलकूद अति आवश्यक है. उन्होंने कहा कि केवल डिग्री लेना ही शिक्षा नहीं है. छात्रों को ड्रग, नशा, डिजिटल मीडिया का दुरुप्रयोग, अपराध से दूर रहकर समय प्रबंधन और अनुशासन का पालन करना चाहिए. प्राचार्य समरजीत जाना ने कहा कि हमारे खेल-उत्सव परवाज का अर्थ है उड़ान. यह वह क्षेत्र है जहां एकेडमिक, स्पोर्ट्स, सेवा, सामाजिक, सुरक्षा आदि हर क्षेत्र में उड़ान भरे जाते हैं.
इन्हें मिला व्यक्तिगत चैंपियनशिप का खिताब
इस दौरान खेलकूद प्रतियोगिता की शुुरुआत विद्यार्थियों के मार्चपास्ट से हुई. व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा में सब जूनियर ग्रुप के बालक वर्ग में विप्लव राज, बालिका वर्ग में हर्षिका कुमारी, जूनियर ग्रुप के बालक वर्ग में देवर्ष पांडेय, बालिका वर्ग में सृष्टि रत्न, सीनियर ग्रुप बालक वर्ग में प्रखर भारती, वेदांश गौरव और बालिका वर्ग में अराध्या खन्ना को व्यक्तिगत चैंपियनशिप का खिताब मिला. वहीं अस्मि सिंह और तुही देव को एथलीट आफ द इयर का खिताब मिला. राजेंद्र सदन ओवरऑल चैंपियनशिप बना. इस दौरान विद्यालय की वार्षिक पत्रिका ””””सृजन”””” का विमोचन किया गया. विद्यार्थियों ने विभिन्न योग आसन, एरोबिक्स और पिरामिड का प्रदर्शन किया. सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किये. इस अवसर पर इवा सरोच, सोनी वर्मा, प्रद्युम्न कुमार दीक्षित, डॉ सतीश कुमार, जयंत मिश्रा, संदीप कुमार सिन्हा, नीरज कुमार सिन्हा, सुभाष कुमार, चंदन कुमार चौधरी, राजेश पिल्लई और रश्मि दीवान उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है