बता दें कि वाद की सूचिका बेरमो थाना अंतर्गत बरकी टांड़ धोरी बस्ती निवासी शंकरी देवी ने बेरमो थाना प्रभारी के समक्ष बयान दर्ज कराया कि उसका नाती बादल कुमार जो उसके साथ रहता था. दो मई 2022 को शंकर भुइयां के दुकान से दो पैकेट चना ले लिया था, इस कारण शंकर ने उसके नाती को दो घंटे तक बैठा कर डांट डपट कर पुलिस में देने की और केस दर्ज कराने की धमकी दी. यह बात सूचिका को नदी जाते समय पता चला तो वह अपने नाती को घर का चाभी देकर घर भेज दिया. जब वह नदी से वापस आई तो घर का दरवाजा अंदर से बंद था आधे घंटे तक जब घर का दरवाजा खटखटाना से नहीं खुला तो पड़ोसियों को इस बारे मे जानकारी दी. पड़ोसियों की मदद से दरवाजा खोला गया तो देखा कि पंखा लगाने वाले हुक में कपड़े लगाकर उसका नाती बादल कुमार झूला हुआ है. बाद में पता चला कि जब शंकरी अपने नाती को चाबी देकर घर भेजी तो आरोपी उसके पीछे-पीछे धमकी देते हुए घर तक आया और घर पर भी काफी हल्ला किया था. शंकर भुईयां की प्रताड़ना से तंग आकर औप घबराकर बादल कुमार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. बयान के आधार पर मामला दर्ज किया गया. आरोप पत्र समर्पित होने के बाद मामला स्थानांतरण होकर जिला जज द्वितीय सूर्य मणि त्रिपाठी के न्यायालय में आया. न्यायालय में उपलब्ध गवाह व दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद जिला जज द्वितीय श्री सूर्य मणि त्रिपाठी ने आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में शंकर भुइयां को दोषी पाया. सजा सुनाये जाने के बाद अभियुक्त शंकर भूइयां को तेनुघाट जेल भेज दिया गया. अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विजय कुमार साहू ने बहस की.
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