धनंजय चटर्जी के मामले से की तुलना
हुगली. तृणमूल सांसद कल्याण बंद्योपाध्याय ने आरजी कर मामले में दोषी संजय राय को अदालत द्वारा दी गयी आजीवन कारावास सजा को लेकर कड़ी आपत्ति जतायी. उन्होंने कहा कि इस अपराध के लिए केवल आजीवन कारावास की सजा पर्याप्त नहीं थी, बल्कि दोषी को फांसी दी जानी चाहिए थी. उन्होंने सवाल उठाया कि न्यायालय ने इसे ‘विरल से विरल’ अपराध मानने से इनकार क्यों किया.
उन्होंने कहा कि अगर यह अपराध दुर्लभ नहीं था, तो फिर कौन-सा अपराध इस श्रेणी में आयेगा? कल्याण बंधोपाध्याय ने चुंचुड़ा विधानसभा के उत्सव के उद्घाटन के दौरान चुंचुड़ा मैदान में यह बात कही. इस अवसर पर परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती, चुंचुड़ा के विधायक असित मजूमदार, हुगली जिला परिषद के सभाधिपति रंजन धारा, रिसड़ा के चेयरमैन विजय सागर मिश्रा, कोन्नगर के चेयरमैन सपन दास, श्रीरामपुर के चेयरमैन गिरधारी साहा, चंदननगर के मेयर राम चक्रवर्ती, चूुचुड़ा के चेयरमैन अमित राय, डानकुनी की चेयरमैन हसीना शबनम सहित कई अन्य राजनीतिक नेता मंच पर उपस्थित थे.
कल्याण बंद्योपाध्याय ने आरजी कर मामले के फैसले की तुलना धनंजय चटर्जी के मामले से की और पूछा कि तब धनंजय को फांसी क्यों दी गयी थी? उन्होंने कहा कि एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार कर उसकी नृशंस हत्या कर दी गयी. यह कोई साधारण हत्या नहीं थी, बल्कि यहां बर्बरता की सारी सीमाएं पार कर हुईं थीं. उन्होंने कहा कि अपराध की क्रूरता को देखते हुए दोषी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी.
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