संवाददाता, पटना
बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के केंद्रीय आम बजट में आधारभूत संरचना, बाढ़ प्रबंधन, पुराने हवाई अड्डों के उन्नयन व नये की स्थापना, सौर ऊर्जा परियोजनाओं के साथ परमाणु ऊर्जा के लिए स्माल माॅड्यूलर रिएक्टर के लिए विशेष आर्थिक सहायता की मांग की है. इसके साथ ही राज्य को विकास के पैमाने पर आगे बढ़ाने के विशेष आर्थिक पैकेज की भी मांग की गयी है. इस उम्मीद का जिक्र उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी द्वारा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे 32 पन्ने के निवेदन-पत्र में किया गया है. उसमें इसके अलावा बिहार में प्रति व्यक्ति आय के राष्ट्रीय औसत के बराबर होने तक जीएसडीपी के एक प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त ऋण के लिए अनुमति भी मांगी गयी है. इससे पहले प्री बजट मीटिंग में राज्य सरकार ने केंद्र से डेढ़ लाख करोड़ की मांग की थी.
बाढ़ नियंत्रण के लिए 13 हजार करोड़ के आवंटन की मांग की गयी है. विशेषकर उत्तरी परिक्षेत्र के 26 जिलों में जल निकासी की सुदृढ़ व्यवस्था के साथ सुचारू आवागमन हेतु नये पुल-पुलिया का निर्माण आवश्यक है. नेपाल सरकार की सहमति से हाइ-डैम बनाने की योजना है. इससे गंडक, कोसी और कमला आदि नदियों में प्रतिवर्ष आने वाली बाढ़ पर नियंत्रण संभव होगा. पत्र में कहा गया है कि बिहार को 10 नये केंद्रीय विद्यालयों की आवश्यकता है. इसके साथ ही अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए हाइ-स्पीड गलियारों का निर्माण आवश्यक है. दरभंगा हवाई अड्डा को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने का प्रस्ताव है. पर्यटन के साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजगीर और भागलपुर में भी ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा बनाए जाने का प्रस्ताव है.
राज्य में सोलर पार्क बनाने का भी प्रस्ताव है. सौर ऊर्जा परियोजनाओं से बिजली की आपूर्ति तो बेहतर होगी ही, यह पर्यावरण के अनुकूल होगा और इससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे. इस उद्देश्य से 50-100 मेगावाट क्षमता वाले सोलर पार्क बनाने का प्रस्ताव है. इसके लिए वर्तमान समय-सीमा को वर्ष 2028 तक बढ़ाने का आग्रह है. अभी दरभंगा और सुपौल में पानी पर तैरने वाले सोलर प्लांट की योजना क्रियान्वित हो रही है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है