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Jahanabad News : जहानाबाद में अब 15 साल पुराने सरकारी वाहन नहीं चलेंगे

जिले की सड़कों पर अब 15 वर्ष से अधिक पुराने सरकारी वाहन नहीं चलेंगे. सभी सरकारी विभागों में मौजूद 15 वर्ष से अधिक पुरानी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जायेगा. बिहार सरकार ने राज्य की सड़कों पर चलने वाले वाहनों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए यह निर्णय लिया है.

जहानाबाद. जिले की सड़कों पर अब 15 वर्ष से अधिक पुराने सरकारी वाहन नहीं चलेंगे. सभी सरकारी विभागों में मौजूद 15 वर्ष से अधिक पुरानी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जायेगा. बिहार सरकार ने राज्य की सड़कों पर चलने वाले वाहनों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए यह निर्णय लिया है. प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए राज्य परिवहन विभाग के द्वारा सभी जिला परिवहन पदाधिकारी को इसके लिए निर्देश जारी किया गया है. राज्य परिवहन विभाग से प्राप्त निर्देश के अनुसार सबसे पहले विभिन्न सरकारी विभागों में चल रहे वैसे वाहनों की खोज करने का निर्देश दिया गया है, जो 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं किंतु अभी भी कार्यरत हैं और सड़कों पर दौड़ रहे हैं. ऐसे वाहन को चिह्नित कर उसका रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाना है. राज्य परिवहन विभाग के निर्देश के आलोक में जिला परिवहन कार्यालय ने जिले के सभी सरकारी विभागों के प्रभारी के साथ वर्चुअल बैठक कर राज्य के निर्णय से उन्हें अवगत कराया है और उनसे 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों का पूरा विवरण मांगा है. इसके लिए जिला परिवहन कार्यालय के द्वारा सभी विभागों के नाम पत्र भी निर्गत किया गया है. परिवहन कार्यालय द्वारा जिन विभागों के प्रभारी को निर्देश जारी किया गया है, उनमें जिला स्तर के विभिन्न विभागों के अलावा प्रखंड स्तर के विभिन्न विभाग के कार्यालय भी शामिल हैं. इनमें जिला प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन और थाने के वाहन भी शामिल हैं. जिला स्तर के अधिकारी जैसे जिलाधिकारी, डीडीसी, एडीएम, अनुमंडल अधिकारी, राजस्व अधिकारी, निबंधन अधिकारी, कृषि और शिक्षा विभाग के अधिकारी, सिविल सर्जन, एसीएमओ, डीपीएम, पीएचसी प्रभारी, बिजली विभाग के अधिकारी, एसपी, डीएसपी, थाना प्रभारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी अंचल अधिकारी सहित अन्य विभागों के अधिकारी के कार्यालय को पत्र लिखकर उनसे ऐसे वाहनों की जानकारी मांगी गयी है.

छह पुराने वाहनों की जानकारी विभाग को भेजी गयी

जिला परिवहन विभाग की कार्रवाई के बाद विभिन्न सरकारी कार्यालय से ऐसे वाहनों की सूची भी विभाग को मिलनी शुरू हो गयी है. विभिन्न प्रखंडों से ऐसे छह वाहनों की जानकारी परिवहन विभाग को भेजी गयी है. इसके अलावा एडीएम और एसडीओ कार्यालय से एक-एक ऐसे वाहन की सूचना मिली है. इस प्रकार अभी तक जिला परिवहन विभाग कार्यालय को 15 वर्ष पुराने आठ सरकारी वाहनों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है. अभी विभिन्न विभागों और कार्यालय से वाहनों की सूचना आनी बाकी है. सभी जगह से ऐसे वाहनों की सूची आने के बाद इन वाहनों के रजिस्ट्रेशन रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.

पुराने वाहनों से निकलती है जहरीली गैस

डीजल और पेट्रोल के वाहनों के परिचालन से सबसे अधिक जहरीली गैस निकलती है. इनमें भी पुराने वाहनों से सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है. वाहन बनाने वाली विभिन्न कंपनियों के द्वारा भी वाहनों के परिचालन की आयु 15 साल बताई जाती है. परिवहन विभाग भी वाहनों का रजिस्ट्रेशन 15 साल के लिए ही करता है. वाहनों से निकलने वाली जहरीली गैसें से पूरे वातावरण में प्रदूषण का जहर फैल जाता है. वहां से निकलने वाली जहरीली गैसों में सल्फर ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, लेड, अमोनिया और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे जहरीले का प्रमुख है. ये जहरीली गैसें स्वास्थ्य पर काफी प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं जिससे मनुष्य को सांस, फेफड़े, गला, आंख और एलर्जी की बीमारी हो जाती है. प्रदूषण से कैंसर का खतरा भी बना रहता है.

जहरीली गैस से बढ़ता है एक्यूआइ स्तर

वातावरण में जहरीली गैस के फैलने से प्रदूषण का एक्यूआइ का स्तर बढ़ जाता है. एक्यूआइ वह पैमाना है जिससे हवा में प्रदूषण के स्तर को नापा जाता है. प्रदूषण के बढ़ने से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. हवा में नमी और मॉयस्चर के कण भी मौजूद रहते हैं जिसमें पानी के महीन कण और बबल्स हवा में तैरते रहते हैं जिसमें प्रदूषण उत्पन्न करने वाले रसायन और धूल के कण अटक जाते हैं जिसके कारण खतरनाक रसायन के पार्टिकल्स और धूल कण पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल में न जाकर पृथ्वी से सटे उसी वातावरण में रह जाते हैं, जिसमे हमलोग सांस लेते हैं. इस कारण वातावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. इसी कारण मौसम में प्रदूषण का लेवल भी बढ़ जाता है.

क्या कहते हैं चिकित्सक

चिकित्सक डॉ गिरिजेश कुमार बताते हैं कि स्वच्छ और बेहतर ऑक्सीजन स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है किंतु प्रदूषित हवा में सांस लेने से सांस के साथ प्रदूषण का जहर मुंह और नाक से गला से होते हुए फेफड़ा तक पहुंचती है. हवा में मौजूद जहरीले कण और गैस स्वास्थ्य को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं. इससे आंखों में जलन गले में खराश, खांसी, फेफड़े में इन्फेक्शन एलर्जी यहां तक कि कैंसर रोग होने का खतरा बना रहता है. प्रदूषण की वजह से स्किन और आंखों में एलर्जी भी हो जाती है.

क्या कहते हैं पदाधिकारी

सरकारी विभागों में चलने वाले सभी 15 वर्ष से पुराने वाहनों को परिचालन से हटकर उनका रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाना है. इसी के तहत सभी विभागों के साथ वर्चुअल बैठक कर उनसे ऐसे वाहनों का विवरण मांगा गया है, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके. राहुल कुमार, डीटीओ, जहानाबाद

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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