Nitish Kumar: पटना. सीएम नीतीश के पायलट के सस्पेंड होने के बाद उनका हेलीकॉप्टर सुर्खियों में हैं. बिहार सरकार के पास अभी अपना कोई विमान या हेलीकॉप्टर नहीं है. बिहार सरकार की ओर से विशिष्ट सेवा के लिए विमान और हेलीकॉप्टर किराये पर लिये गये हैं. बिहार सरकार अभी विमान किंग एयर सी-19 ए/बी और VT EBG का उपयोग करती है. इनका उपयोग मुख्यमंत्री, राज्यपाल और अन्य वीवीआईपी यात्राओं के लिए किया जाता है. नीतीश कुमार हाईटेक हेलिकॉप्टर ‘एयरबस H145’ का इस्तेमाल करते हैं. हम आपको सीएम के हेलीकॉप्टर से जुड़ी हर जानकारी देंगे.
दो करोड़ है न्यूनतम किराया
बिहार सरकार 2022 से चिपशन कंपनी के हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल कर रही है. बिहार सरकार हर महीने न्यूनतम 2 करोड़ रुपए हेलिकॉप्टर का किराया देती है. यह हेलिकॉप्टर एजेंसी डिमांड पर हेलिकॉप्टर और विमान उपलब्ध कराती है. हेलिकॉप्टर का किराया दो हिस्सों में दिया जाता है, एक फिक्स्ड चार्ज और प्रति घंटे का चार्ज. महीने में 30 घंटे उड़ान भरने पर भी 2 करोड़ रुपए का खर्च होता है. अगर उड़ान कम हो या न हो, तो भी यही रकम चुकानी पड़ती है. दूसरा 30 घंटे से अधिक की उड़ान के लिए प्रति घंटे 1.5 लाख रुपए अलग से देने पड़ते हैं.
हाईटेक हेलिकॉप्टर ‘एयरबस H145’
विभागीय जानकारी के अनुसार सीएम नीतीश के हेलिकॉप्टर के हर महीने का खर्च 2 करोड़ रुपए से अधिक हैं. मुख्यमंत्री का एयरबस H145 हेलिकॉप्टर बेहद आधुनिक और सुविधाजनक है. इसमें दो इंजन, आसान लैंडिंग के लिए क्लैमशेल दरवाजे और आठ यात्रियों के बैठने की क्षमता है. इसका इंटीरियर लेदर और वुडन का संयोजन है. हेलिकॉप्टर 240 किमी प्रति घंटे की क्रूज स्पीड पर उड़ सकता है और 4 घंटे 33 मिनट तक लगातार हवा में रह सकता है.
नये विमान लेने की योजना
बिहार सरकार पिछले तीन वर्षों से नये विमान खरीदने की कोशिश कर रही है. 27 दिसंबर 2022 को नीतीश कैबिनेट ने एक नया जेट विमान और एक हेलिकॉप्टर खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. सरकार की योजना के तहत 20 सीटर जेट और 10 सीटर हेलीकॉप्टर की खरीद की जायेगी. उसके लिए मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है. इसमें वित्त विभाग, उद्योग विभाग, कैबिनेट विभाग के अधिकारी सदस्य बनाए गए हैं. नये विमान की खरीद के लिए टेंडर हो रखा है, लेकिन उस दिशा में भी अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है.
1950 में थे इतने सरकारी विमान
बिहार सरकार के पास आजादी से पहले भी अपने विमान रहे हैं. 1950 में कांग्रेस सरकार ने बिहार राज्य वायु संगठन निदेशालय की स्थापना की. जिसमें पुष्पक विमान का इस्तेमाल होता था. शुरुआत में परिवहन विभाग इसकी देखरेख करता था, लेकिन बाद में इसे वित्त विभाग और अब कैबिनेट सचिवालय के अधीन रखा गया है. बिहार सरकार के पास अभी कहने को तीन सरकारी विमान हैं, जिनमें से दो खराब हैं. एयर सी-19 और डॉल्फिन हेलिकॉप्टर लंबे समय से खराब पड़े हैं. मुजफ्फरपुर में खराब हुआ डॉल्फिन हेलिकॉप्टर हाल ही में पटना लाया गया, लेकिन अब तक इसे ठीक नहीं किया जा सका है. विमानों के रखरखाव के लिए सरकार को अब तक कोई एजेंसी नहीं मिली है.
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