रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने हजारीबाग के गिद्दी थाना में आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज मामले में आरोपी अमन श्रीवास्तव की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान अदालत ने हजारीबाग एसपी के जवाब पर असंतोष प्रकट किया. अदालत ने एसपी से स्पष्टीकरण मांगा है कि मामले के अनुसंधानकर्ता (आइओ) यदि बीमार रहने के कारण गवाही देने नहीं आ रहे थे, तो क्या उन्होंने छुट्टी का आवेदन दिया था. यदि उन्होंने छुट्टी का आवेदन दिया था, तो उसे अगली सुनवाई में प्रस्तुत किया जाये. क्योंकि इस मामले में सिर्फ अनुसंधानकर्ता की ही गवाही बची हुई है. नवंबर 2024 से उनकी गवाही नहीं हो पा रही है, जिससे ट्रायल पूरा नहीं हो पा रहा है. इससे पहले हजारीबाग एसपी की ओर से स्पष्टीकरण देते हुए अदालत को बताया गया कि तबीयत खराब रहने के कारण अनुसंधानकर्ता गवाही देने नहीं जा सके थे. अगली तिथि में वह गवाही देने जायेंगे. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अमन श्रीवास्तव ने जमानत याचिका दायर की है. इस मामले में अमन श्रीवास्तव सहित लगभग आठ आरोपियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत गिद्दी थाना में कांड संख्या- 9/2021 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. मामले में अमन श्रीवास्तव को छोड़कर अन्य सह अभियुक्त को जमानत मिल चुकी है. संजय नामक एक व्यक्ति के पास से पुलिस ने ऑटोमेटिक पिस्टल बरामद किया था. उसने अमन श्रीवास्तव गैंग के लिए इस ऑटोमेटिक पिस्टल को रखने की बात कही थी. मामले का ट्रायल हजारीबाग की निचली अदालत में चल रहा है. मामले में सिर्फ अनुसंधानकर्ता की ही गवाही शेष है. पिछली सुनवाई के दाैरान अदालत ने हजारीबाग एसपी से स्पष्टीकरण मांगा था. पूछा था कि दो माह से अधिक समय बीतने के बाद भी अनुसंधानकर्ता गवाही के लिए क्यों उपस्थित नहीं हो रहे हैं. अनुसंधानकर्ता पर क्या कार्रवाई की गयी है.
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