Good News: दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (DCE) में 3D प्रिंटिंग और एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग पर फिनिशिंग स्कूल प्रोग्राम शुरू किया गया है. यह प्रोग्राम 27 जनवरी 2025 को बिहार सरकार के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और तकनीकी शिक्षा विभाग के तहत C-DAC कोलकाता के सहयोग से शुरू किया गया है. इस प्रोग्राम से बिहार और पश्चिम बंगाल के इंजीनियरिंग छात्र आज की इंडस्ट्री की जरूरतों के हिसाब से तैयार हो सकेंगे. साथ ही, वे अत्याधुनिक तकनीकी कौशल भी सीख सकेंगे.
16,000 छात्रों को मिलेगी ट्रेनिंग
फिनिशिंग स्कूल 16,000 इंजीनियरिंग स्नातकों और अंतिम वर्ष के छात्रों को प्रशिक्षित करेगा. 4,000 छात्रों के लिए विशेष बूट कैंप भी आयोजित किए जाएंगे. डीसीई में एक खास कैब भी बनाया जाएगा जो प्रोटोटाइप निर्माण, तकनीकी दस्तावेज तैयार करने, लागत विश्लेषण और सामग्री विनिर्देशों में स्टार्टअप, छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) और बड़े उद्योगों की सहायता करेगी.
स्टार्टअप को भी होगा फायदा
यह कार्यक्रम न केवल छात्रों को उद्योग की मांग के अनुसार कौशल प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें अपना स्टार्टअप शुरू करने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा. एडवांस्ड लैब से छात्रों को नए उत्पाद विकसित करने और प्रोटोटाइप बनाने में मदद मिलेगी. साथ ही 3डी प्रिंटिंग तकनीक के माध्यम से सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और उनसे प्रेरित उत्पादों के निर्माण को भी बढ़ावा मिलेगा.
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रोजगार और शोध के नए अवसर
सी-डैक उद्योग और प्लेसमेंट सेल के साथ साझेदारी करके छात्रों के लिए रोजगार के अवसर भी सुनिश्चित करेगा. यह फिनिशिंग स्कूल छात्रों, शोधकर्ताओं और फैकल्टी सदस्यों को रिसर्च और विकास के नए अवसर प्रदान करेगा. छात्र यहां नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर नए -नए उत्पाद भी बना सकेंगे.
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