लखीसराय. राज्य विद्यालय रसोइया संघ, ऐक्टू लखीसराय द्वारा मंगलवार को डीएम के समक्ष प्रदर्शन किया गया. अपनी 11 सूत्री मांगों में रसोइयों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, मानदेय 10 हजार रुपये करने, मध्याह्न भोजन योजना से एनजीओ को बाहर करने, मानदेय 10 महीना के बदले 12 महीना करने, रिटायरमेंट बेनीफिट देने, ड्रेस में दो-दो जोड़ी सूती साड़ी देने समेत 11 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन जुलस केआरके हाई स्कूल मैदान से निकलकर मुख्य सड़क होते समाहरणालय के डीएम कार्यालय पहुंची. जुलस का नेतृत्व बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ, ऐक्टू की महासचिव सरोज चौबे, भाकपा-माले के जिला सचिव चंद्र देव यादव, सदर प्रखंड के सचिव शिवनंदन पंडित, चानन के सचिव उपेंद्र तांती, दीनदयाल, संजय कुमार, पिपरिया, बिंदेश्वरी मांझी, रिंकू देवी रसोइया, कंचन देवी, भारती देवी, नागेश्वर तांती, पनवा देवी, रेशमा देवी सभी रसोइया आदि ने किया. प्रदर्शन के बाद समाहरणालय स्थित धरना स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए संघ की महासचिव ने कहा कि जिस काम के लिए बिहार में 1650 रुपये मिलते हैं उसी काम के लिए केरल में 12 हजार व तमिलनाडु में 10 हजार मिलते हैं. यदि सरकार मानदेय नहीं बढ़ायेगी तो आंदोलन तेज किया जायेगा. माले के जिला सचिव चंद्रदेव यादव ने कहा कि बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ का संगठन मजबूत किया जायेगा और उनके शोषण के खिलाफ आवाज उठाया जायेगा. अंत में डीएम से सात सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने मिलकर कर उन्हें मांग पत्र सौंपा. उन्होंने मांगों को सरकार तक पहुंचाने की भी बात कही.
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