16.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Mahakumbh 1954: महाकुंभ में जब नेहरू के लिए मची थी भगदड़, 1000 लोगों की हुई थी मौत

Mahakumbh 1954 आजाद भारत में पहली बार वर्ष 1954 में पहला महाकुंभ लगा था. यह कुंभ भी इलाहाबाद यानी अब के प्रयागराज में लगा था. वर्ष 1954 में 3 फरवरी को मौनी अमावस्या था. मौनी अमावस्या के दिन स्नान करने के लिए लाखों लोग संगम पहुंचे थे.

Mahakumbh 1954 संगम तट पर एक बार फिर से मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ मच गई. इसमें कई लोगों की मौत हो गई है. इसमें पहले वर्ष 1954 और 2013 में भी मौनी अमावस्या के दिन ही भगदड़ मचने से कई लोगों की मौत हो गई थी. कहा जाता है कि वर्ष 1954 के महाकुंभ मे मची भगदड़ से करीब एक हजार लोगों की मौत हो गई थी. इसी प्रकार 2013 में कुंभ स्नान कर वापस लौट रहे 36 लोगों की मौत प्रयागराज स्टेशन पर मची भगदड़ में हुई थी. कई लोगों को तो कफन तक नसीब नहीं हुआ था.

1954 में मची थी भगदड़ 1000 लोगों की हुई थी मौत

वर्ष 1954 के 3 फरवरी को मौनी अमावस्या था. इसको लेकर लाखों लोग संगम स्नान के लिए पहुंचे थे. इसी बीच सुबह करीब 8-9 बजे मेले में खबर फैली कि प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू आ रहे हैं. इस खबर के बाद संगम में स्नान करने आई भीड़ पंडित नेहरू को देखने के लिए उमड़ पड़ी. भीड़ उस ओर दौडी जस तरफ नागा साधु ठहरे हुए थे.

Whatsapp Image 2025 01 22 At 14.36.29
Mahakumbh 1954: महाकुंभ में जब नेहरू के लिए मची थी भगदड़, 1000 लोगों की हुई थी मौत 5

भीड़ को अपनी तरफ भीड़ आती देख नागा साधुओं को लगा कि भीड़ उनपर हमले को आ रही है. इस कारण संन्यासी तलवार और त्रिशूल लेकर भीड़ पर हमला करने के लिए दौड़ पड़े. भगदड़ मच गई. जो एक बार गिरा, वो फिर उठ नहीं सका. जान बचाने के लिए लोग बिजली के खंभों से चढ़कर तारों पर लटक गए. कहा जाता है कि भगदड़ में एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. यूपी सरकार इस हादसे से इंकार करती रही. उसका कहन था कि इस हादसा में किसी की मौत नहीं हुई है, लेकिन एक फोटोग्राफर की तस्वीर ने सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया और राजनीतिक हंगामा खड़ा हो गया. पंडति नेहरू को संसद में इसपर बयान तक देना पड़ा था. इस हादसे में करीब एक हजार लोगों की मौत हुई थी.

Whatsapp Image 2025 01 22 At 14.36.28
Mahakumbh 1954: महाकुंभ में जब नेहरू के लिए मची थी भगदड़, 1000 लोगों की हुई थी मौत 6

सरकार की ओर से की गई कई व्यवस्था

आजाद भारत में पहली बार वर्ष 1954 में पहला महाकुंभ लगा था. यह कुंभ भी इलाहाबाद यानी अब के प्रयागराज में लगा था. वर्ष 1954 में 3 फरवरी को मौनी अमावस्या था. मौनी अमावस्या के दिन स्नान करने के लिए लाखों लोग संगम पहुंचे थे. लेकिन, सुबह से हो रही बारिश के कारण चारों तरफ कीचड़ और फिसलन थी. हालांकि आजाद भारत का पहला महकुंभ होने के कारण तब की सरकार की ओर से बड़ी तैयारी की गई थी.

Mahakumbh 1954
Mahakumbh 1954: महाकुंभ में जब नेहरू के लिए मची थी भगदड़, 1000 लोगों की हुई थी मौत 7

संगम के करीब ही अस्थाई रेलवे स्टेशन बनाया गया था. बड़ी संख्या में टूरिस्ट गाइड अपॉइंट किए गए थे. उबड़-खाबड़ जमीनों को समतल कर दिया गया था. इसके साथ ही सड़कों पर बिछी रेलवे लाइनों के ऊपर पुल बनाए गए थे. पहली बार कुंभ में बिजली के खंभे लगाए गए थे. इसके साथ ही महकुंभ को लेकर 9 अस्पताल खोले गए थे, ताकि कोई बीमार पड़े या फिर हादसे होने पर उसका फौरन इलाज हो सके.

Mahakumbh 1954 1
Mahakumbh 1954: महाकुंभ में जब नेहरू के लिए मची थी भगदड़, 1000 लोगों की हुई थी मौत 8

ये भी पढ़ें.. Mahakumbh 2025: महाकुंभ मेला में संगम तट पर भगदड़, कई की मौत, 50 से अधिक जख्मी, अखाड़ों का अमृत स्नान रद्द

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें