Mauni Amavasya 2025 Snaan: आज 29 जनवरी को मौनी अमावस्या है, और इस दिन श्रद्धालुओं की एक बार फिर से प्रयागराज में भारी भीड़ देखने को मिल रही है. गंगा में स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त यहां पहुंचेंगे. जो लोग प्रयागराज नहीं जा पा रहे हैं और अपने घर पर हैं, वे किस प्रकार से स्नान कर सकते हैं, जिससे उन्हें भी पुण्य का लाभ प्राप्त हो, आइए जानें
महाकुंभ में भगदड़ के बाद अमृत स्नान पर रोक, अब अगला स्नान बसंत पंचमी के दिन
मौनी अमावस्या के दिन गंगाजी में स्नान करने का विशेष महत्व है, लेकिन यदि किसी कारणवश आप प्रयागराज नहीं जा पा रहे हैं और गंगा में स्नान नहीं कर पा रहे हैं, तो आप अपने घर में कुएं से ताजा पानी निकालकर उसमें थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. इस प्रक्रिया के दौरान गंगा जी का स्मरण करना आवश्यक है, जिससे आपको उतना ही पुण्य फल प्राप्त होगा. स्नान के बाद माता गंगा को प्रणाम करें, उन्हें याद करें, सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें, पूजा करें और जो भी दान-पुण्य कर सकें, वह अवश्य करें.
संगम के जल का उपयोग घर पर करें
महाकुंभ स्नान का प्रमुख महत्व संगम (गंगा, यमुना, सरस्वती) के जल में स्नान करना है. यदि आप कुंभ स्नान के लिए नहीं जा पा रहे हैं, तो आप किसी ऐसे व्यक्ति से संगम का जल मंगवा सकते हैं जो कुंभ स्नान करने गया हो. स्नान के समय अपनी बाल्टी के पानी में इस पवित्र जल की कुछ बूंदें मिलाएं या इस जल से अपने शरीर पर छींटे डालें. इसे गंगा स्नान के समान फलदायी माना जाता है. स्नान के बाद भगवान का ध्यान करें और प्रार्थना करें कि आपको कुंभ स्नान का पुण्य प्राप्त हो.