Mauni Amavasya 2025: हिंदू कैलेंडर में माघ महीने का खास महत्व है. इस महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें मौनी अमावस्या का पर्व विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन का महत्व धार्मिक दृष्टि से बहुत गहरा है.मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना और दान करना शुभ माना जाता है.यह दिन पापों से मुक्ति और पितृ देवता की कृपा प्राप्त करने के लिए सबसे उपयुक्त होता है.
मौनी अमावस्या पर तिल से जुड़े उपाय और उनका महत्व
तिल का दान
मौनी अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा के बाद काले तिल का दान करना विशेष फलदायक होता है. मान्यता है कि इससे मृत्यु के बाद बैकुंठ स्थान मिलता है और जीवन में सुख-शांति आती है. तिल का दान पितृ दोष को भी दूर करता है और जीवन में सकारात्मकता लाता है.
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पितरों को प्रसन्न करने के उपाय
पितरों की शांति के लिए इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. स्नान के बाद एक लोटे में जल और काले तिल डालकर भगवान शिव का अभिषेक करें. इस उपाय से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है और पितृ दोष दूर होता है. साथ ही जीवन में सुख-शांति की कामना पूरी होती है.
शनि दोष से मुक्ति के उपाय
यदि किसी की कुंडली में शनि दोष हो, तो मौनी अमावस्या के दिन काले तिल का दान करना बहुत लाभकारी होता है. इससे शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और जीवन में सुख, शांति और सकारात्मकता आती है.
मौनी अमावस्या तिथि
माघ अमावस्या तिथि आरंभ: 28 जनवरी, सायं 07:35 बजे
माघ अमावस्या तिथि समाप्त: 29 जनवरी, सायं 06:05 बजे
उदयातिथि के अनुसार, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी.
मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या का पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह आत्मिक शांति और संयम का भी प्रतीक है। इस दिन किए गए तिल के उपायों से जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं और आत्मिक शांति प्राप्त की जा सकती है। यह पर्व हमें साधना, संयम और पितरों के प्रति श्रद्धा का संदेश भी देता है.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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