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मौनी अमावस्या पर नहीं जा पा रहे हैं कुंभ, तो घर पर जरूर करें ये काम

Mauni Amavasya 2025: महाकुंभ में अमृत स्नान को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या के दिन होगा. यदि किसी कारणवश आप महाकुंभ में दूसरे अमृत स्नान में शामिल नहीं हो पाते हैं, तो आप घर पर कुछ विशेष उपाय कर सकते हैं, जिससे आपको महाकुंभ के अमृत स्नान के समान पुण्य की प्राप्ति हो सकती है.

Mauni Amavasya 2025: महाकुंभ जिसे धर्म और आस्था का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है यहां स्नान करना, मोक्ष प्राप्ति और पापों के नाश का प्रतीक है. लेकिन यदि किसी कारणवश आप मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में स्नान करने नहीं जा पा रहे हैं, तो धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुछ उपाय करके घर पर ही संगम में स्नान का पूरा फल प्राप्त कर सकते हैं.

संगम के जल का घर पर ही प्रयोग करें

महाकुंभ स्नान का मुख्य महत्व संगम घाट (गंगा, यमुना, सरस्वती) जल में डुबकी लगाने है यदि आप कुंभ स्नान करने नहीं जा सकते, तो जो व्यक्ति कुंभ स्नान करने गया हो उससे संगम का जल मंगवा लें और स्नान करते समय अपनी बाल्टी के पानी में कुछ बूंदें इस पवित्र जल की मिला लें या इस जल से शरीर पर छींटे लगा लें.इसे गंगा स्नान के समान ही फल प्राप्त होता है.साथ ही स्नान के बाद भगवान का ध्यान और प्रार्थना करें साथ ही आपको कुंभ स्नान का पुण्य प्राप्त होगा.

भगवान का भक्ति भाव से पाठ करें

महाकुंभ के दौरान स्नान का आध्यात्मिक लाभ तभी पूर्ण होता है जब व्यक्ति भगवान का ध्यान पूरी श्रद्धा के साथ करता है, इसलिए घर पर रहकर भगवदगीता, रामायण या गंगा स्तोत्र का पाठ करें. इसके अलावा, “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ गंगे च यमुने चैव” जैसे मंत्रों का जाप अवश्य करें.ये मंत्र आपके मन को शुद्ध करेंगे और कुम्भ स्नान के समान पुण्य प्रदान करता है.

मौनी अमावस्या पर करें भगवान विष्णु के नामों का जप करें

सच्ची श्रद्धा से दान-पुण्य करें

कुंभ में स्नान के बाद दान-पुण्य का महत्व बताया गया है,यदि आप घर पर हैं, तो गरीबों को भोजन, वस्त्र, और तिल के लड्डू या तिल आवश्य दान करें.खासकर अन्न, तिल, गुड़, और गाय को चारा खिलाने से महाकुंभ स्नान के समान वरदान प्राप्त होता है.

सच्चे मन से व्रत या उपवास करें

महाकुंभ में उपवास और तप का भी विशेष महत्व है. घर पर रहकर एक दिन का उपवास रखें और केवल फलाहार ग्रहण करें साथ ही नमक का सेवन या तमशिक भोजन का सेवन न करें. उपवास के साथ ईश्वर का ध्यान करें और प्रार्थना करें कि आपको कुंभ स्नान के बराबर पुण्य प्राप्त हो.

घी के दीप जलाकर गंगा मैया की आरती करें

घर पर गंगा मैया की प्रतिमा या तस्वीर के सामने घी का दीप जलाएं और उनकी आरती करें. आरती के साथ “गंगा च यमुने चैव” का पाठ जाप करें. इससे घर का वातावरण शुद्ध होगा और आपको कुंभ स्नान का पुण्य मिलता है.

ब्रह्म मुहूर्त के समय सूर्य अर्घ्य दें

महाकुंभ के दौरान सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है,घर पर सुबह स्नान करने के बाद जल में गंगाजल और काला तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें, इस दौरान “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप मन मे करते रहे.

मन के विकारों को दूर करें

महाकुंभ का मुख्य उद्देश्य आत्मा की शुद्धि है एवं मन के विकारों को सकरात्मक करना है.इस पवित्र स्नान का उद्देश्य तन, मन को धोना ही नहीं है अपितु मन को पावन और शुद्ध करना है. इसलिए जीवन में कोई भी गलत कार्य नहीं करने का संकल्प करना चाहिए, साथ ही तामसिक भोजन, बुरी आदतें, और नकारात्मकता से हमेशा दूर बनाए रखना चाहिए.

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