26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भारतीय ज्ञान परंपरा : समसामयिक संदर्भ विषयक पर संवाद 31 को

भारतीय ज्ञान परंपरा : समसामयिक संदर्भ विषयक पर संवाद 31 को

प्रतिनिधि,

मधेपुरा

ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय मधेपुरा में 31 जनवरी को भारतीय ज्ञान परंपरा : समसामयिक संदर्भ विषयक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. आयोजन सचिव सह दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ सुधांशु शेखर ने बताया कि संवाद पूर्णतः नि:शुल्क है और इसमें भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को ऑनलाइन प्रमाण-पत्र जारी किया जायेगा. उन्होंने बताया कि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत संचालित भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर-गढ़वाल में दर्शनशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो इंदु पांडेय खंडूरी होंगी. कार्यक्रम की अध्यक्षता गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मध्यप्रदेश के दर्शनशास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ हरिसिंह तथा अखिल भारतीय दर्शन परिषद के पूर्व महासचिव प्रो अंबिका दत्त शर्मा करेंगे. अतिथियों का स्वागत महाविद्यालय प्राचार्य प्रो कैलाश प्रसाद यादव करेंगे.

पहले हो चुके हैं 14 संवाद

कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ सुधांशु शेखर ने बताया कि स्टडी सर्कल (अध्ययन मंडल) आइसीपीआर की महत्वपूर्ण योजना है. इसके तहत एक वर्ष तक प्रत्येक माह एक पूर्व निर्धारित विषय पर ऑनलाइन-ऑफलाइन संवाद होता है. इसके पूर्व स्टडी सर्किल के अंतर्गत 14 संवाद हो चुके हैं. इन संवादों के वक्ता नई दिल्ली से प्रो रमेशचंद्र सिन्हा, प्रयागराज से प्रो जटाशंकर, पटना से प्रो एनपी तिवारी, गढ़वाल से प्रो इंदु पांडेय खंडूरी, हरदोई से डॉ आलोक टंडन, पटना से प्रो पूनम सिंह, वर्धा से डॉ मनोज कुमार, लंदन से माधव तुरूमेला, नेपाल से डॉ गोविंद शरण उपाध्याय, नई दिल्ली से प्रो सच्चिदानंद मिश्र, गोरखपुर से प्रो सभाजीत मिश्र एवं प्रो नीलिमा सिन्हा जैसे ख्यातिप्राप्त शिक्षाविद रहे हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें