Mahakumbh Stampede : महाकुंभ मेला क्षेत्र में भगदड़ की घटना के एक दिन बाद भी श्रद्धालु हजारों की संख्या में संगम तट पहुंच रहे हैं. इस बीच प्रदेश की योगी सरकार ने भीड़ को नियंत्रित करने के खास उपाय किए हैं. श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास और तेज कर दिए गए हैं. गुरुवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का मेला क्षेत्र में आना जारी है. बुधवार तड़के हुई भगदड़ की घटना का यहां आ रहे श्रद्धालुओं पर कोई खास असर नजर नहीं आ रहा है.
गाड़ियों को प्रवेश की अनुमति नहीं
इस बीच, पुलिस अधीक्षक (ट्रैफिक) अंशुमान मिश्रा ने बताया कि मेले में भीड़ कम होने तक गाड़ियों की आवाजाही पर रोक रहेगी. इसके साथ ही जब तक भीड़ मेला क्षेत्र से बाहर नहीं निकल जाती, बाहर की गाड़ियों को शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी, हालांकि उच्च स्तर पर अधिकारी स्थिति को देखकर वाहनों के प्रवेश की अनुमति दे सकते हैं. पुलिस प्रशासन, एंबुलेंस, ‘सक्शन’ मशीन की गाड़ी आदि के प्रवेश को बनाए रखा जाएगा क्योंकि इनके बिना मेले का सुचारू संचालन होना संभव नहीं.
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हादसे के एक दिन बाद घने कोहरे में कम विजिबिलिटी के बीच महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग लगातार विभिन्न घाटों की तरफ जाते हुए दिखाई दिए. इनमें से कई श्रद्धालु कंबल ओढ़कर घाट की ओर जा रहे थे, वहीं कई लोग रास्ते में रुककर अलाव ताप कर ठंड से बचने का प्रयास कर रहे थे. हरियाणा के गुरुग्राम से आए एक श्रद्धालु ने कहा कि वह अपने परिवार के साथ बुधवार को यहां आए और अब वापस लौट रहे हैं. तड़के हमने डुबकी लगाई. हम यहां बुधवार को आए थे, लेकिन यहां बहुत भीड़ थी. आज स्थिति बेहतर है.
भगदड़ की घटना में 30 लोगों की मौत
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार भगदड़ की घटना की जांच के लिए आज पहुंचेंगे. हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं 60 लोग घायल हो गए थे. बुधवार को मौनी अमावस्या पर 7.64 करोड़ लोगों ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई. यह किसी एक दिन डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की सबसे अधिक संख्या है.