चकाई. प्राचीन परंपरा को जीवंत बनाए रखने व अपने त्योहारों में आस्था रखने के लिए हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी चकाई एसके उच्च विद्यालय परिसर में गुरुवार को सोहराय मिलन समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में आदिवासी बालाओं ने मांदर व झाल की थाप पर पारंपरिक आदिवासी नृत्य कर एवं सोहराय गीत गाकर ऐसी छटा बिखेरी कि लोग मंत्रमुग्ध हो गए. समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि पूर्व विधान पार्षद संजय प्रसाद, लुकस सोरेन, मानवेल मुर्मू, पूर्व जिप सदस्य रामलखन मुर्मू ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया. फिर मिक्स संथाली गीत गाते हुए पुष्प-माला देकर अतिथियों का स्वागत किया गया. समारोह में उमड़े जनसैलाब को संबोधित करते हुए संजय प्रसाद ने कहा कि आदिवासी समुदाय ही प्रकृति का पूजक है. आदिवासी समुदाय के बिना जल, जंगल, जमीन अधूरा है. उन्होंने कहा कि वे आदिवासियों के हक हकुक की लड़ाई लड़ते रहेंगे. उनके मान सम्मान में कोई कमी नहीं रहेगी. कार्यक्रम के संयोजक रामलखन मुर्मू ने कहा कि चकाई में सोहराय मिलन समारोह आदिवासी एकता का मिसाल बन गया है. पूर्व विधान पार्षद ने सोहराय मिलन समारोह में बेहतर गीत, नृत्य पेश करनेवाले कलाकारों को नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया. समारोह को मुंशी हेंब्रम , भोला हेंब्रम, मनूल हेंब्रम, शामेल बास्के, सहित कई लोगों ने संबोधित करते हुए आदिवासियों को विकास के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने की अपील की. कार्यक्रम का संचालन शामेल बाश्के ने किया. मौके पर गुलाब मरांडी, शंभू यादव, राजेश पांडेय, दिवाकर चौधरी, राम निरंजन राय, दिलीप राय, प्रहलाद उपाध्याय, भगवान राय आदि मौजूद थे.
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