रांची. झारखंड हाइकोर्ट के निर्देश पर राज्य में नगर निकाय चुनाव की तैयारियां तेज कर दी गयी हैं. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव आयोग से प्राप्त नवीनतम मतदाता सूची वार्डवार तैयार की जा रही है. दूसरी ओर, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के निर्देश पर 40 से अधिक निकायों में ओबीसी सर्वेक्षण का कार्य भी पूरा किया जा चुका है. सर्वे पूरा होने के तुरंत बाद आयोग चुनाव में आरक्षण का निर्धारण कर देगा, जिसके बाद चुनाव की तिथि निर्धारित की जा सकेगी. इस पूरी प्रक्रिया में लगभग दो महीनों का समय संभावित है.
ओबीसी आरक्षण को लेकर फंसा है पेच
राज्य में नगर निकायों के चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर पेच फंसा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ओबीसी आरक्षण ट्रिपल टेस्ट के माध्यम से निर्धारित किया जाना है. झारखंड में ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया शुरू करने में ही काफी देर हुई है. दूसरा विकल्प ओबीसी को आरक्षण दिये बिना ही नगर निकाय चुनाव कराना है. हालांकि, राज्य सरकार बिना ओबीसी आरक्षण निर्धारित किये निकाय चुनाव कराने के पक्ष में नहीं है. हाल के दिनों में पिछड़ा वर्ग आयोग ने ओबीसी आरक्षण के तय करने के लिए डोर-टू-डोर सर्वे आयोजित कराने में काफी सक्रियता दिखायी है. फरवरी में आयोग द्वारा ओबीसी आरक्षण का निर्धारण कर देने की संभावना बतायी जा रही है.
पांच वर्षों से लंबित है चुनाव
झारखंड के नगर निकाय का चुनाव पिछले पांच वर्षों से लंबित है. राज्य के 13 नगर निकायों का कार्यकाल वर्ष 2020 में ही समाप्त हो गया था. उसके बाद से ही वहां चुनाव नहीं कराया गया है. जबकि, 35 अन्य शहरी निकायों का कार्यकाल वर्ष 2023 के मार्च-अप्रैल महीने में समाप्त हुआ था. उसके बाद से उन निकायों में चुनाव लंबित है. संविधान के 74वें संशोधन में शहरी निकायों में चुनाव नहीं कराना स्थानीय निकायों को कमजोर करना माना गया है. जिसकी वजह से राज्य को शहरी विकास, शहरों में नागरिक सुविधाएं विकसित करने और अपने संसाधन बढ़ाने के लिए नगर निकायों को केंद्र सरकार द्वारा वित्त आयोग की अनुशंसा की अनुशंसा पर स्वीकृत अनुदान रोक दिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है