4.70 करोड़ की साइबर ठगी की जांच के सिलसिले में बेंगलुरु पुलिस पहुंची थी नदिया
प्रतिनिधि, कल्याणी.
लोगों के बैंक खाते किराये पर लेकर देश-विदेश में करोड़ों रुपये का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा था. बेंगलुरुप पुलिस को यह जानकारी धोखाधड़ी के एक मामले की जांच के दौरान पता चली. स्रोत की तलाश करते समय, उन्हें यह भी पता चला कि बंगाल में कोई व्यक्ति उस ऑनलाइन धोखाधड़ी को चला रहा है. इसके बाद बिना देर किये बेंगलुरु पुलिस ने राज्य पुलिस से संपर्क किया और नदिया में छापेमारी कर दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार दोनों लोगों में से एक पूर्व तृणमूल पंचायत सदस्य पिंकू मंडल है. वह थानापाड़ा के परानपुर का रहने वाला है. उसकी पत्नी भी पंचायत समिति की पूर्व सदस्य है. दूसरा आरोपी कमालुद्दीन हसन नदिया के तेहट्ट का रहने वाला है. उसकी नाजिरपुर में कपड़े की दुकान है. उन्हें बेंगलुरु पुलिस ने तेहट्ट थाने और नाजिरपुर चौकी की पुलिस की मदद से गिरफ्तार किया. उनके पास से पासबुक, एटीएम कार्ड और मोबाइल फोन बरामद किया गया. गिरफ्तार लोगों को पुलिस कर्नाटक ले गयी. तेहट्ट के एसडीपीओ शुभोतोष सरकार ने कहा कि कर्नाटक पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी मामले की जांच के बाद दो लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों को पूछताछ के लिए ले जाया गया है.
तृणमूल कांग्रेस पार्टी के कृष्णानगर संगठनात्मक जिले के अध्यक्ष रुकबानुर रहमान ने कहा कि अगर कोई व्यक्तिगत रूप से ऐसा काम करता है, तो यह पार्टी की जिम्मेदारी नहीं है. अगर आरोपी दोषी पाया गया तो उसे कानून के मुताबिक सजा दी जायेगी.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक गत वर्ष आठ दिसंबर को बेंगलुरु पुलिस की साइबर विंग में 4 करोड़ 70 लाख रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी की लिखित शिकायत दर्ज की गयी थी. पुलिस ने इसकी जांच की. इसके बाद जांचकर्ताओं को पता चला कि पूरा सिलसिला पश्चिम बंगाल के नदिया और मुर्शिदाबाद के अलग-अलग इलाकों से चलाया जा रहा था. खबर के मुताबिक नाजिरपुर बाजार में कपड़े की दुकान की आड़ में किराये के घर में जालसाज छिपे हुए हैं. वहां से वे व्हाट्सऐप पर स्टॉक मार्केट ग्रुप बनाते थे और आम लोगों को मोटी रकम का लालच देकर बैंक खाते किराये पर लेते थे. उन खातों से करोड़ों रुपये का लेन-देन होता था और फर्जीवाड़ा चल रहा था. जांच की शुरुआत में पुलिस ने मुर्शिदाबाद के रहने वाले एक शख्स को कोलकाता से गिरफ्तार किया. उससे पूछताछ से जांचकर्ताओं को नदिया जिले के अड्डे के बारे में पता चला. हालांकि जांचकर्ताओं का दावा है कि मुख्य आरोपी अभी भी लापता है.
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