Rourkela
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फर्जी दस्तावेजों के जरिये हाइ लिमिट वाले क्रेडिट कार्ड दिलवाकर ठगी करने के मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें सीए, बैंक का कर्मचारी भी शामिल हैं. आरोपियों के बैंक खातों की जांच करने पर पुलिस अवाक रह गयी. एक आरोपी के खाते में 2.7 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है, तो दूसरे के बैंक अकाउंट में 8 करोड़ का लेनदेन दिखा रहा है. हालांकि पुलिस ने करीब 53 लाख रुपये के ठगी की बात कही है. बाकी के तथ्यों की जांच अभी चल रही है. मुख्य आरोपी मो तबरेज आलम कम आय वाले लोगों का फर्जी दस्तावेज बनाकर उन्हें आइसीआइसीआइ बैंक से हाइ लिमिट वाले क्रेडिट कार्ड दिलवाता था. इसमें उसकी मदद आइसीआइसीआई बैंक के क्रेडिट कार्ड विभाग का कर्मचारी, एक सीए तथा आरएन ट्रेडर्स उदित नगर के मालिक करते थे. पुलिस की जांच में पता चला कि वित्तीय रिकॉर्ड में हेरफेर, जाली दस्तावेज़ और अनधिकृत नकद निकासी जैसी बातों का पता चला. आइसीआइसीआई बैंक की शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की थी. जांच में आगे पता चला कि मो. तबरेज़ आलम लोगों को अपने जाल में फंसाता था. उनकी कम आय के बावजूद उनसे क्रेडिट कार्ड का आवेदन कराता था. उनके आय को अधिक दिखाने के लिए आयकर रिटर्न (आइटीआर) जमा कराता था. आइसीआइसीआइ बैंक के एक कर्मचारी को क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी गयी थी. इस कर्मचारी ने सुनिश्चित किया कि आवेदकों को जाली दस्तावेजों के आधार पर क्रेडिट कार्ड पात्रता मानदंड सफलतापूर्वक पूरा कर लिया जाये. एक बार क्रेडिट कार्ड जारी हो जाने के बाद, कथित तौर पर उनका उपयोग नकद लेनदेन में परिवर्तित करने के लिए किया गया. राउरकेला में व्यापारिक प्रतिष्ठानों में आरोपियों के बहकावे में आकर लोग अपने कार्ड से भुगतान करते थे. जिसके बदले में उन्हें नकदी मिल जाती थी, जिसे बाद में इएमआइ में बदल दिया जाता था. फिलहाल पुलिस आगे की जांच कर रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है