KYC In Budget: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केंद्रीय बजट 2025 पेश करते हुए KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है. सरकार जल्द ही एक संशोधित सेंट्रल KYC (CKYC) रजिस्ट्री लॉन्च करेगी, जिससे नागरिकों और वित्तीय संस्थानों के लिए KYC प्रक्रिया को अधिक सरल और सुव्यवस्थित बनाया जा सकेगा.
सेंट्रल KYC रजिस्ट्री, क्या है यह नई व्यवस्था?
वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार एक केंद्रीकृत डेटाबेस के रूप में संशोधित CKYC रजिस्ट्री शुरू करने जा रही है. यह प्रणाली आधार, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेज़ों के डेटा को सुरक्षित रखने और KYC प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद करेगी.
इस रजिस्ट्री को सेंट्रल रजिस्ट्री ऑफ सिक्योरिटाइजेशन एसेट रिकंस्ट्रक्शन एंड सिक्योरिटी इंटरेस्ट ऑफ इंडिया (CERSAI) द्वारा संचालित किया जाएगा. इसका मुख्य उद्देश्य बार-बार KYC दस्तावेजों की पुनःप्रस्तुति और सत्यापन की आवश्यकता को कम करना और वित्तीय क्षेत्र में KYC प्रक्रिया को अधिक कुशल बनाना है.
नए सिस्टम के फायदे
- सरल और तेज़ प्रक्रिया: CKYC रजिस्ट्री के जरिए नागरिकों को बार-बार दस्तावेज़ जमा नहीं करने होंगे, जिससे समय की बचत होगी.
- डेटा सुरक्षा: सरकार आधार, पैन और अन्य पहचान दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कदम उठा रही है.
- वित्तीय क्षेत्र में सुधार: यह प्रणाली बैंकों, बीमा कंपनियों और अन्य वित्तीय संस्थानों के लिए KYC अनुपालन को अधिक प्रभावी बनाएगी.
- धोखाधड़ी पर नियंत्रण: केंद्रीकृत डेटा सिस्टम के कारण धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी.
KYC अनुपालन पर सख्ती और हालिया प्रतिबंध
सरकार और नियामक संस्थान KYC नियमों को सख्ती से लागू कर रहे हैं. हाल ही में बिजनेस पेमेंट सॉल्यूशन प्रोवाइडर (BPSPs) और पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) पर KYC से जुड़ी गड़बड़ियों के चलते प्रतिबंध लगाया गया था.
यह नया सिस्टम ऐसे समय में लाया गया है जब सरकार और वित्तीय नियामक संस्थाएं डिजिटल भुगतान और वित्तीय लेन-देन को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने की दिशा में काम कर रही हैं. संशोधित CKYC रजिस्ट्री से नागरिकों और वित्तीय संस्थानों को राहत मिलेगी और KYC प्रक्रिया पहले की तुलना में अधिक सुगम हो जाएगी.
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