17.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

श्रीमद्भागवत कथा में जीवन का सार, सत्कर्म ही सच्चा धर्म: ऋतु साक्षी द्विवेदी

श्रीमद्भागवत में ही जीवन की पूरी कथा समायी हुई है. यह ग्रंथ हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है. उक्त बातें प्रखंड क्षेत्र के रायपुरा गांव स्थित नवनिर्मित दुर्गा मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान प्रवचन देते हुए ऋतु साक्षी द्विवेदी ने कही.

खैरा. श्रीमद्भागवत में ही जीवन की पूरी कथा समायी हुई है. यह ग्रंथ हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है. उक्त बातें प्रखंड क्षेत्र के रायपुरा गांव स्थित नवनिर्मित दुर्गा मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान प्रवचन देते हुए ऋतु साक्षी द्विवेदी ने कही. उन्होंने कहा कि मानव प्राणियों को सदैव सत्कर्म करते रहना चाहिए, क्योंकि यही सच्ची भक्ति का मार्ग है. उन्होंने प्रवचन में राजा उत्तानपाद के पुत्र ध्रुव की कथा का उल्लेख करते हुए कहा कि अनीति और अन्याय के कारण ध्रुव को अपने पिता का स्नेह नहीं मिला. उसकी सौतेली मां सुरुचि उसे राजा की गोद में बैठने तक नहीं देती थी. लेकिन ध्रुव ने भगवान विष्णु की आराधना की, जिससे भगवान प्रकट हुए और उसे अपनी गोद में बिठाया. साथ ही, 36 हजार वर्षों तक राज्य करने का आशीर्वाद दिया. ऋतु साक्षी द्विवेदी ने माता सती की कथा सुनाते हुए कहा कि महादेव के मना करने के बावजूद माता सती अपने पिता राजा दक्ष के यज्ञ में पहुंचीं, जहां महादेव का कोई स्थान नहीं था. यह देखकर उन्होंने देवताओं को फटकार लगाई और स्वयं को अग्निकुंड में समर्पित कर दिया. इस घटना से आक्रोशित महादेव ने राजा दक्ष का मस्तक काट दिया. उन्होंने कहा कि हमें हमेशा धर्म और नीति के मार्ग पर चलना चाहिए. अगर हम भगवत प्राप्ति के लिए अपने घर से निकलेंगे, तो भगवान स्वयं हमारे घर पधारेंगे. श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने को लेकर बड़ी संख्या में स्थानीय श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं. यज्ञ को लेकर गांव में भक्तिमय माहौल बना हुआ है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें