Bihar Bhumi: बिहार में सरकारी जमीन की पहचान और सत्यापन का काम तेजी से चल रहा है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अब तक राज्य में कुल 31 लाख 60 हजार 947 सरकारी खेसरा की पहचान की है, जिसका कुल रकबा 17 लाख 86 हजार 276 एकड़ है. विभाग इस जमीन का सत्यापन करा रहा है, ताकि सरकारी परियोजनाओं और विभागीय जरूरत के लिए इसे उपलब्ध कराया जा सके. विभाग के सचिव जय सिंह ने इस जमीन की सुरक्षा और संरक्षण के लिए सभी समाहर्ताओं को पत्र भी लिखा है.
सत्यापन प्रक्रिया और जिम्मेदारी
सरकारी जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सत्यापन की जिम्मेदारी राजस्व कर्मचारियों, राजस्व अधिकारियों और अंचल अधिकारियों को दी गई है. विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि सरकारी जमीन की सुरक्षा को लेकर विभाग गंभीर है, इसमें कोई लापरवाही न हो.
विभागों को जरूरत के हिसाब से मिलेगी जमीन
राजस्व विभाग का कहना है कि विभिन्न सरकारी विभागों को भवन निर्माण और अन्य परियोजनाओं के लिए जमीन की जरूरत होती है. विभाग कानून के तहत इनकी जरूरत के हिसाब से सरकारी जमीन मुहैया कराएगा.
ऑनलाइन पोर्टल पर इंट्री
सरकारी भूमि की जानकारी को ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज कर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध करा दिया गया है. हालांकि, राज्य के कुल 45,859 मौजा में से 1,355 मौजा में ऑनलाइन इंट्री का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है.
पिछले सर्वेक्षण के आधार पर सत्यापन
पिछले सर्वेक्षण के खतियान के आधार पर सीएस खतियान, आरएस खतियान और चकबंदी खतियान जैसे सभी प्रकार की सरकारी भूमि की जानकारी ऑनलाइन दर्ज की जा चुकी है. इस कार्य के लिए विभाग ने सत्यापन मॉड्यूल विकसित किया है. इसमें राजस्व कर्मचारी मेकर, राजस्व अधिकारी चेकर और अंचल अधिकारी अप्रूवर की भूमिका में होंगे.
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मुख्य सचिव स्तर पर समीक्षा
28 जनवरी 2025 को मुख्य सचिव स्तर पर मामले की समीक्षा की गई थी. इसमें सत्यापन कार्य में तेजी लाने और भू अभिलेखों को ऑनलाइन करने पर जोर दिया गया.