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Ranchi News : कंपनी बदलें, पर मजदूरों को नहीं बदले कोल इंडिया प्रबंधन : इंटक

Ranchi News: राष्ट्रीय खदान मजदूर फेडरेशन (इंटक) की स्टेयरिंग कमेटी की बैठक में कोल इंडिया प्रबंधन से आउटसोर्स मजदूरों को काम से नहीं हटाने की मांग की गयी.

रांची. राष्ट्रीय खदान मजदूर फेडरेशन (इंटक) की स्टेयरिंग कमेटी की बैठक में कोल इंडिया प्रबंधन से आउटसोर्स मजदूरों को काम से नहीं हटाने की मांग की गयी. सीएमपीडीआइ में हुई बैठक की अध्यक्षता विधायक सह अध्यक्ष अनूप सिंह ने की. इसमें तय किया गया कि प्रबंधन से कहा जायेगा कि आउटसोर्स कंपनी बदलने पर मजदूरों को नहीं बदला जाये. मजदूरों को बदले जाने से उनको उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है. अभी कोयला कंपनियों में आउटसोर्स मजदूरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. आउटसोर्स मजदूरों का भी बायोमीट्रिक अटेंडेंस कराने की मांग की गयी. अभी ठेका मजदूरों को 26 दिन काम कराकर कई स्थानों पर 15 से 20 दिनों का ही वेतन दिया जा रहा है. बैठक में इंडियन लेबर कोड में बदलाव का व्यापक विरोध करने का निर्णय लिया गया है.

दिसंबर में हो सकता है अधिवेशन

फेडरेशन के अध्यक्ष अनूप सिंह और सचिव एसक्यू जमा ने बताया कि दिसंबर में फेडरेशन का अधिवेशन हो सकता है. इसका आयोजन एसइसीसीएल, बिलासपुर में होगा. बैठक में सभी कंपनियों से आये प्रतिनिधियों को कंपनियों की कमेटी में प्रतिनिधित्व मिलने को लेकर अदालत की प्रक्रिया के बारे में बताया गया. इस मामले में कई अदालतों में फेडरेशन के पक्ष में निर्णय आये हैं. मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया है. वहां से निर्णय आने के बाद कंपनियों पर दबाव बनाया जायेगा. इसी तरह के मामलों पर सीसीएल, सीएमपीडीआइ, बीसीसीएल और इसीएल (झारखंड वाले हिस्से) की यूनियन ने भी झारखंड हाइकोर्ट में रिट किया है.

मेडिकल अनफिट चालू करने का आग्रह

श्री जमा ने बताया कि बैठक में कोल इंडिया प्रबंधन से मेडिकल अनफिट (9:4:0) शुरू करने की मांग की गयी. यह 10 साल से बंद है. सीसीएल के करीब दो दर्जन आवेदन 10 साल से लंबित हैं. इसको निपटाने का आग्रह कंपनी से किया गया. डब्ल्यूसीएल में पुराने मामले निपटा दिये गये हैं. बैठक में सेवानिवृत्त कर्मियों को मिलने वाली मेडिकल सुविधा बढ़ाने की मांग की गयी. अभी कर्मियों को आठ लाख रुपये इलाज की सुविधा मिल रही है. अधिकारियों को 25 लाख की सुविधा मिलती है. कहा गया कि कर्मचारियों को भी 20 लाख की सुविधा मिलनी चाहिए. अधिकारियों को तरह कर्मचारियों को भी गोल्डेन कार्ड दिये जाने पर जोर दिया गया. बैठक में एके झा और कुमार महेश सिंह आदि भी मौजूद थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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