प्रतिनिधि, खलारी :
खलारी के विभिन्न तालाबों और जलाशयों में शैवाल भर गये हैं. जलकुंभी भर जाने से खलारी के तालाबों का अस्तित्व संकट में हैं. जलाशयों के पानी की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. खलारी बैंक चौक के निकट खलारी तालाब व खलारी-बिजुपाड़ा रोड में झील होटल के निकट स्थित तालाबों में शैवाल की समस्या गंभीर रूप लेती जा रही है. शैवाल की अधिकता से तालाब के पानी में आक्सीजन की कमी हो रही है. जिससे जलीय जीवों खासकर मछलियों का जीवन संकट में पड़ गया है. जानकार बताते हैं कि शैवाल का अत्यधिक जमाव तालाब के पानी में अवरोध उत्पन्न करता है. जिसके कारण पानी का पुनः शोधन ठीक से नहीं हो पाता है. परिणामस्वरूप, तालाबों का जलस्रोत सूखने लगता है. बैंक चौक के निकट खलारी तालाब का एक करोड़ रुपये से अधिक की लागत से भारत पर्यटन विकास निगम ने सुंदरीकरण कराया था. परंतु रखरखाव किसी भीसाइबेरियन पक्षियों को परेशानी :
खलारी तालाब में जाड़े के दिनों में खासकर मकर संक्रांति के आसपास काफी संख्या में साइबेरियन पक्षी आते हैं. प्रवासी पक्षी इसबार भी आये, परंतु जलकुंभी की अधिकता से उन्हें काफी परेशानी हुई. प्रवासी पक्षियों को अपनी जरूरतों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.विशेष मशीन से करायी जायेगी जलाशयों की सफाई : बीडीओ
खलारी के बीडीओ संतोष कुमार ने कहा कि तालाब में शैवाल की समस्या उनके संज्ञान में आया है. डीएफएफटी मद से अथवा सीएसआर मद से शैवाल सफाई करनेवाली विशेष मशीन मंगाने का प्रस्ताव भेजा जायेगा. खलारी के जलाशयों में भरे जलकुंभियों की सफाई करायी जायेगी.जलीय जीवों के जीवन पर पड़ रहा विपरीत प्रभाव02 खलारी 02:- बैंक चौक के निकट खलारी तालाब में भरा शैवाल.02 खलारी 03:- परेशानी में खलारी तालाब में आये प्रवासी पक्षी.
02 खलारी 04 : खलारी बीडीओ संतोष कुमार.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है