रांची. झारखंड सरकार ने रूटीन इम्यूनाइजेशन से जुड़ी वैक्सीन की कमी का दावा किया है. सरकार का कहना है कि कुछ बीमारियों से जुड़ी वैक्सीन नहीं होने से परेशानी हो रही है. केंद्र सरकार शीघ्र इसकी पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति करे. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य में वैक्सीन की पर्याप्त खुराक नहीं है. राज्य सरकार का दावा है कि उसके पास बच्चों को लगने वाले कुछ जीवनरक्षक टीकों का पर्याप्त स्टॉक नहीं है. इनमें रोटावायरस वैक्सीन प्रमुख है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं सह राज्य टीकाकरण अधिकारी ने भारत सरकार के टीकाकरण डिपार्टमेंट को टीका की पर्याप्त आपूर्ति को लेकर पत्र लिखा है, जिसमें टीकों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित कराने पर जोर दिया गया है. पिछले दिनों नयी दिल्ली स्थित केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के एडिशनल कमिश्नर डॉ पवन कुमार को भेजे गये इस पत्र में रोटावायरस वैक्सीन की नियमित आपूर्ति बहाल करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि झारखंड रोटावायरस वैक्सीन की भारी कमी का सामना कर रहा है, जिस कारण राज्य में टीकाकरण कार्यक्रम सुचारू चलाने में काफी बाधा आ रही है. आपको बता दें कि रोटावायरस एक संक्रामक बीमारी है, जो पेट और आंतों में सूजन पैदा करती है. रोटावायरस वैक्सीन बच्चों को रोटावायरस से होनेवाली गंभीर दस्त से बचाती है.
टीकों के लिए केंद्र पर लगातार दबाव बना रहा है झारखंड
स्वास्थ्य विभाग इन टीकों की आपूर्ति को लेकर केंद्र पर लगातार दबाव बना रहा है. 2023 के सितंबर में भी इसी तरह की परेशानी आयी थी. हाल में रोटावायरस के एक लाख खुराक का आवंटन हुआ था, लेकिन यह भी अपर्याप्त था. हालांकि, उस वक्त केंद्र सरकार ने वैक्सीन की सप्लाई से जुड़े कोल्ड चेन मैनेजमेंट में अनियमितता बतायी थी. संक्रामक रोगों से बचाव के लिए लगनेवाले डीपीटी, हेपेटाइटिस-बी और जेइ वैक्सीन भी इसमें शामिल थे, जिसे चमकी बुखार (जापानी इंसेफ्लाइटिस) से रोकथाम के उपाय के तौर पर लिया जाता है.
2024 के आखिर में एक लाख टीकों की हुई आपूर्ति
टीकों की डिमांड के बाद पिछले साल के आखिर में एक लाख टीकों की आपूर्ति की गयी है. मूल्यांकन के आधार पर उपभोग पैटर्न पर विचार करने के बाद इसे तय संख्या और अवधि के लिए पर्याप्त माना गया है. रोटावायरस वैक्सीन की एक लाख खुराक की अंतिम खेप 22 जुलाई 2024 को प्राप्त हुई थी. हालांकि, हाल ही में दोबारा से कुछ टीकों का आवंटन किया गया है, लेकिन इसे भी पर्याप्त नहीं बताया गया है. यह भी बताया गया कि हेपेटाइटिस-बी के टीकाकरण के लिए वैक्सीन की औसत मासिक खपत 29,700 खुराक पर्याप्त है. वहीं जेइ (जापानी इंसेफ्लाइटिस) वैक्सीन की औसत मासिक खपत 70,000 खुराक है. लेकिन इसकी आपूर्ति नहीं की गयी, तो टीके की कमी हो जाती है.
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