रांची. रांची के साहित्यकार रणेंद्र के उपन्यास ग्लोबल गांव के देवता को पश्चिम बंगाल में 11वीं के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. 11वीं के हिंदी के पाठ्यक्रम में मुंशी प्रेमचंद, अमीर खुसरो, सूरदास, बिहारी, भारतेंदु की रचनाएं भी शामिल हैं. रणेंद्र ने इस पर खुशी जतायी है. उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल में 11वीं के पाठ्यक्रम में कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद के साथ शामिल होना मेरे लिए खुशी की बात है. गौरतलब है कि ग्लोबल गांव के देवता बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आदिवासी क्षेत्रों में दखल देने और उसकी वजह से आदिवासी जीवन, संस्कृति, पर्यावरण और समूचे आदिवासी परिवेश के बुरी तरह प्रभावित होने की कहानी है. साथ ही यह आदिवासी समुदाय द्वारा अपने से कहीं ज्यादा शक्तिशाली और प्रभावशाली लोगों के खिलाफ संघर्ष की कहानी भी है. रांची के साहित्यकारों व बुद्धजीवियों ने रणेंद्र को उनकी इस उपलब्धि पर बधाई दी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है