Jharkhand Agriculture Budget: रांची, मनोज सिंह-झारखंड के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग का मूल बजट वित्तीय वर्ष की शुरुआत में काफी भारी भरकम होता है, लेकिन वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक मूल बजट में कटौती कर दी जाती है. बजट की आधे से कुछ अधिक राशि बच जाती है और वह भी पूरी नहीं खर्च हो पाती है. 2019-20 से 2023-24 तक झारखंड के कृषि विभाग की शुरुआती योजना का आकार (आउटले) 15689 करोड़ का था. इसे संशोधित कर 11289 करोड़ किया गया. इसमें भी विभाग पांच साल में 9529 करोड़ रुपये ही खर्च कर पाया. यह संशोधित बजट का करीब 84 फीसदी ही है. विभागों के कुल खर्च की एक बड़ी राशि अनुदान या ऋण माफी जैसी स्कीम में चली जाती है. विभाग से ही कृषि विवि और रामकृष्ण मिशन जैसी संस्थाओं को अनुदान दिया जाता है. सहकारिता विभाग भी कई संस्थाओं को अनुदान देता है.
चालू वित्तीय वर्ष में 600 करोड़ की कटौती
चालू वित्तीय वर्ष में कृषि विभाग का योजना आकार करीब 3375 करोड़ रुपये का है. इसे संशोधित कर करीब 2778 करोड़ रुपये कर दिया गया है. करीब 600 करोड़ रुपये की कटौती बजट में कर दी गयी है. इसमें सबसे अधिक कटौती कृषि निदेशालय के बजट में की गयी है. कृषि निदेशालय के बजट में करीब 312 करोड़ रुपये की कटौती की गयी है. इसका मूल बजट करीब एक हजार करोड़ रुपये का था. इसी तरह उद्यान विभाग के बजट में से करीब 100 करोड़ रुपये की कटौती गयी है. भूमि संरक्षण विभाग से 11 करोड़ तथा डेयरी विभाग से करीब 78 करोड़ की कटौती की गयी है. पशुपालन विभाग के मूल बजट में से करीब 53 करोड़ तथा मत्स्य विभाग के बजट में से करीब आठ करोड़ रुपये की कटौती की गयी है. इसी तरह सहकारिता विभाग के मूल बजट में करीब 32 करोड़ रुपये की कटौती की गयी है.
2020-21 में हुई थी सबसे अधिक कटौती
वित्तीय वर्ष 2020-21 में कृषि विभाग के बजट में सबसे अधिक कटौती हुई थी. इस वर्ष कृषि विभाग का शुरुआती बजट 4104.56 करोड़ रुपये का था. इस वर्ष का संशोधित बजट मूल बजट का आधा से भी कम हो गया था. राज्य सरकार ने बजट संशोधन कर 1678.21 करोड़ रुपये कर दिया था. इसमें भी 1440.78 करोड़ रुपये की खर्च हो पाया था.
बजट की स्थिति (राशि करोड़ रुपये में)
वर्ष—–शुरुआती बजट—–संशोधित बजट—–खर्च
2019-20—–3141.50—–2617.01—–1918.03
2020-21—–3958.49—–1609.59—–1430.90
2021-22—–4104.56—–1678.21—–1440.78
2022-23—–4026.47—–3237.65—–2784.37