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नॉर्थ सियारसोल ओसीपी में कोयला खंड गिरने से युवक की हुई मौत

ओसीपी के बंद हिस्से में कोयला चुनने उतरा था युवक, तभी हुआ हादसा

घटना के बाद मुआवजे की मांग पर स्थानीय लोगों ने किया प्रदर्शन जामुड़िया. रविवार को सुबह जामुड़िया क्षेत्र में इसीएल के कुनुस्तोड़िया एरिया के अधीन सियारसोल ओसीपी में दर्दनाक हादसा हुआ. कोयले का बड़ा टुकड़ा गिरा, जिसकी चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गयी. उसका नाम टिंकू बाउरी(26) बताया गया है. घटना के बाद स्थानीय लोग उत्तेजित हो गये और मृतक का शव रख कर पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे की मांग पर विरोध प्रदर्शन करने लगे. मिली जानकारी के मुताबिक नॉर्थ सियारसोल ओसीपी के बंद हिस्से में टिंकू बाउरी कोयला चुनने गया था, तभी ऊपर से बड़ा कोयला खंड गिरा, जिसकी चपेट में आकर उसकी मौत हो गयी. घटना के बाद मीठापुर गांव के लोग ओसीपी में पहुंचे और इसीएल प्रबंधन से पीड़ित परिवार को मुआवजा और एक आश्रित को नौकरी की मांग पर प्रदर्शन करने लगे. ओसीपी का उत्पादन भी बंद रहा. घटना की सूचना पाकर स्थानीय तृणमूल नेता, पुलिस, सीआइएसएफ, इसीएल के सुरक्षा कर्मी और इसीएल प्रबंधन के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे. ब्लॉक-एक तृणमूल के अध्यक्ष सुब्रत अधिकारी भी पहुंचे और टिंकू बाउरी के परिजनों व स्थानीय लोगों से बातचीत की. उसके बाद उन्होंने कोलियरी प्रबंधन के अधिकारियों से भी बात की. सुब्रत अधिकारी ने बताया कि मीठापुर ग्राम के रहनेवाले टिंकू बाउरीआज सुबह 11:00 बजे के आसपास किसी काम से ओसीपी के पास आये थे. अचानक उन पर कोयले का एक बड़ा टुकड़ा गिर गया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई. स्थानीय निवासी और टिंकू बाउरी के परिजन प्रबन्धन से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. इस विषय में कोलियरी प्रबंधन से बात हुई है. कोलियरी प्रबंधन मृतक के परिवार को एक लाख रुपए देने पर राजी हो गया है. वहीं, आश्रित को रोजगार दिए जाने की मांग प्रबंधन के द्वारा किया जा रहा है. इस घटना से मीठापुर ग्राम में शोक की लहर है. स्थानीय लोगों का कहना है कि ईसीएल प्रबंधन ओसीपी से कोयला निकालकर यूं ही छोड़ देती है, जिसके कारण बेरोजगार युवक कोयला चुनकर अपने रोजी-रोटी चलाने के लिए इन बंद हुए ओसीपी में जाते हैं, एवं अक्सर दुर्घटना के शिकार होते हैं .ज्ञात रहे की बीते वर्ष इसी तरह कुनुस्टोरिया एरिया अंतर्गत नारायण कुड़ी में बंद हुए ओसीपी से कोयला चुनने के दौरान कई लोगों की मौत हो गई थी . लोगों का कहना है कि प्रबंधन कोयला निकालने के बाद सुरक्षा की दृष्टिकोण से ना तो वहां किसी प्रकार का घेराबंदी करती है और ना ही कोई सुरक्षा प्रहरी वहां जाने से रोकने के लिए किसी प्रकार का पहरेदारी का इंतजाम करती है. हालांकि इस संबंध में नार्थ सियारसोल ओसीपी के प्रबंधक सारांश अतुलकर से बात करने पर उन्होंने किसी प्रकार के घटना से ही इनकार करते हुए कहा कि किसी प्रकार की घटना उनके क्षेत्र में नहीं हुई है .दूसरी और ईसीएल प्रबंधन 1 लाख की मुआवजा देने पर भी राजी हुई है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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