आसनसोल/दुर्गापुर. आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट (एडीपीसी) में अबतक का सबसे अनोखा मामला फरीदपुर थाना में दर्ज हुआ. फर्जी कागजात के आधार सात लोगों ने बैंक से पर्सनल लोन लेकर 1,03,81,712 (एक करोड़ तीन लाख एक्कासी हजार सात सौ बारह) रुपये का चपत लगा दिया है. एसबीआइ क्षेत्रीय वाणिज्यिक कार्यालय आसनसोल के क्षेत्रीय प्रबंधक आनंद कुमार पिंकू ने इसकी शिकायत फरीदपुर थाना में दर्ज करायी. जिसके आधार पर सात लोगों को नामजद आरोपी बनाकर फरीदपुर थाना कांड संख्या 04/25 में आइपीसी की धारा 420/467/468/406/34 के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई. यह कांड एक जुलाई 2024 से पहले का होने के कारण इस मामले में आइपीसी की धारा लगायी गयी है. जिन सात लोगों को आरोपी बनाया गया है, इन लोगों ने बैंक में जो अपना केवाइसी जमा दिया है उसके अनुसार रानीगंज के कजोड़ा कोलियरी इलाके का निवासी चंदन ठाकुर, पूर्व बर्दवान के रायना-एक ब्लॉक के अमिलाबाजार सिप्टा गांव का निवासी प्रसेनजीत घोष, चित्तरंजन इलाके में स्ट्रीट संख्या-89, आवास संख्या-6A की निवासी चैताली बाउरी, चित्तरंजन के स्ट्रीट नम्बर-37, आवास संख्या 24A का निवासी गौतम चटर्जी, पांडवेश्वर के वैधनाथपुर इलाके का निवासी अजित पासवान, बांकुड़ा जिला के बीयूर इंदास इलाके का निवासी कार्तिक बागदी और बांकुड़ा जिला के पात्रशायर कांटादिघी इलाके की निवासी खादिजा बेगम जमादार शामिल है. आरोप है कि पर्सनल लोन लेने के दौरान इनलोगों ने सराकरी नौकरी से जुड़ी जो सैलेरी स्लीप जमा किया वह फर्जी है. जिसके कारण बैंक को उक्त राशि का नुकसान हुआ है. गौरतलब है कि किसी सरकारी बैंक से लोन लेने के लिए लोगों को किन-किन परेशानियों से होकर गुजरना होता है, यह लोन लेनेवाले ही जानते है. राज्य सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए विद्यार्थी और उनके परिजनों के जूते घिस गये, लोन नहीं मिला. इसकी एक नहीं सैकड़ों शिकायतें दर्ज हुई. लोन के दौरान एक-एक कागजात की बहुत ही बारीकी से जांच के बाद वह आगे प्रोसेस के लिए आगे जाती है. फरीदपुर थाना में जो मामला दर्ज हुआ, उसमें एक नहीं सात-सात लोग फर्जी कागजात जमा करके एक करोड़ से अधिक राशि की लोन ले ली. बाद में बैंक को पता चल रहा है कि कागजात फर्जी है. इस मामले को दर्ज करके पुलिस भी हैरान है कि बैंक कागजातों की अच्छी तरह से जांच किये बगैर इतनी बड़ी राशि का लोन कैसे दे दिया? क्या इसमें बैंक कर्मचारियों की कोई मिली भगत है? इसकी भी जांच पुलिस कर रही है.
क्या है पूरा मामला
एसबीआइ आसनसोल वाणिज्यिक कार्यालय के क्षेत्रीय प्रबंधक श्री पिंकू ने अपनी शिकायत में कहा कि 16 दिसंबर 2023 से 13 फरवरी 2024 तक उक्त सात लोग एसबीआइ इच्छापुर शाखा में केवाइसी डॉक्युमेंट्स (आधार कार्ड, पैन कार्ड) के साथ अपना सैलरी पे-स्लीप की प्रति जमा देकर अपना खाता खुलवाया. इसके बाद इनलोगों ने पर्सनल लोन लिया. बाद में शिकायतकर्ता श्री पिंकू को इसकी जानकारी मिली कि उक्त सात लोगों ने लोन प्रोसेसिंग के समय सरकारी कर्मचारी होने से जुड़ी जो अपनी सैलरी स्लीप जमा दी थी, वह फर्जी था. इन आरोपियों के धोखाधड़ी से बैंक को 1,03,81,712 रुपये का नुकसान हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है